Edited By Vijay, Updated: 22 Aug, 2024 11:00 AM
मलाणा गांव से 2 गर्भवती महिलाओं को पहाड़ी रास्ते से पैदल ही सड़क तक पहुंचाया और उसके बाद जरी होते हुए इन्हें गाड़ी में कुल्लू पहुंचाया गया।अब इन्हें डाॅक्टरों की निगरानी में रखा गया है।
कुल्लू (शम्भू): मलाणा गांव से 2 गर्भवती महिलाओं को पहाड़ी रास्ते से पैदल ही सड़क तक पहुंचाया और उसके बाद जरी होते हुए इन्हें गाड़ी में कुल्लू पहुंचाया गया। अब इन्हें डाॅक्टरों की निगरानी में रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने पंचायत प्रतिनिधियों को कहा है कि गांव में जितनी भी गर्भवती महिलाएं हैं, उन्हें कुल्लू भेज दें। उन्हें यहीं पर डाॅक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा।
जिन 2 गर्भवती महिलाओं को कुल्लू लाया गया है, उनमें लता और रवीना शामिल हैं। लता की डिलीवरी की डेट 17 अगस्त थी। चिकित्सकों का कहना है कि इसमें 4 या 5 दिन आगे-पीछे हो जाते हैं, उसे तेगुबेहड़ में डाॅक्टरों की निगरानी में रखा गया है। रवीना की डिलीवरी की डेट 22 सितम्बर है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. नागराज पवार ने कहा कि लता को अस्पताल में रखा है और रवीना अपने रिश्तेदार के घर कुल्लू में ठहरी है। उन्होंने कहा कि हमने पंचायत प्रतिनिधियों को कहा है कि सभी गर्भवती महिलाओं को कुल्लू भेज दें और उन सभी को डाॅक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा।
बता दें कि एक अगस्त को मलाणा नाले में बादल फटने के बाद आई बाढ़ से सड़क बंद है और इलाके की बिजली लाइन भी करीब 13 किलोमीटर के दायरे में क्षतिग्रस्त हो गई है, ऐसे में गांव अंधेरे में डूबा हुआ है। प्रशासन ने इलाके लिए 500 सोलर लाइटें भेजी हैं, जिनसे गांव रोशन होगा।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here