Edited By Kuldeep, Updated: 10 Nov, 2024 04:25 PM
बहुचर्चित बिजली महादेव रोप-वे निर्माण को लेकर भले ही कंपनी ने साइट पर मशीनरी पहुंचा दी हो, लेकिन निर्माण कार्य शुरू करने से पहले कंपनी को 6 करोड़ रुपए केंद्र सरकार के खाते में जमा करने होंगे।
कुल्लू (गौरीशंकर): बहुचर्चित बिजली महादेव रोप-वे निर्माण को लेकर भले ही कंपनी ने साइट पर मशीनरी पहुंचा दी हो, लेकिन निर्माण कार्य शुरू करने से पहले कंपनी को 6 करोड़ रुपए केंद्र सरकार के खाते में जमा करने होंगे। इस राशि के जमा होने के बाद ही कंपनी रोप-वे का निर्माण कार्य आरंभ कर सकेगी। लिहाजा कंपनी ने अभी तक यह राशि जमा नहीं करवाई है। गौरतलब है कि किसी भी प्रोजैक्ट कार्य को शुरू करने से पहले उस प्रोजैक्ट के दायरे में आने वाली जमीन, पेड़-पौधों और अन्य संपदा का मूल्य सरकार के पास जमा करना होता है।
बिजली महादेव प्रोजैक्ट के लिए इस्तेमाल होने वाली जमीन, पेड़ और अन्य संपदा की एवज में कंपनी की ओर से सरकार को 6 करोड़ रुपए जमा करवाने होंगे, जिसमें सीए, एनपीबी और पेड़ों की कीमत शामिल है। लिहाजा रोप-वे निर्माण करने वाली कंपनी नैशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमैंट लिमिटेड को रोप-वे निर्माण कार्य शुरू करने से पहले यह राशि भारत सरकार के खाते में जमा करनी होगी, उसके बाद ही पर्यावरण एवं प्रदूषण मंत्रालय की ओर से प्रोजैक्ट का कार्य शुरू करने के लिए फाइनल अप्रूवल मिलेगी।
7 हैक्टेयर जमीन, 80 पेड़
बिजली महादेव प्रोजैक्ट निर्माण के दायरे में 7 हैक्टेयर वन भूमि आ रही है, जिसके चलते कंपनी को इस जमीन की एवज में 35 लाख रुपए सरकार के पास जमा करवाने होंगे। इसके अलावा एनपीबी के रूप में 42 लाख रुपए, 80 पेड़ों जिनमें 10 चीड़ और 70 पौधे देवदार के शामिल हैं, की कीमत 5 करोड़ रुपए से अधिक है। ऐसे में यह धन कंपनी को निर्माण कार्य शुरू करने से पहले केंद्र सरकार के खाते में जमा करना होगा।
हो चुका है भूमि पूजन
रोप-वे निर्माण को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भूमि पूजन कर चुके हैं। गत 5 मार्च, 2024 को भूमि पूजन होने के बाद कंपनी अभी तक यह औपचारिकताएं पूरी नहीं कर पाई है। ऐसे में प्रोजैक्ट निर्माण की कीमत बढ़ सकती है। हालांकि वर्तमान में रोप-वे निर्माण की कीमत करीब 283 करोड़ रुपए है, लेकिन अगर कंपनी इसी तरह औपचारिकताओं में उलझी रही तो निर्माण की कीमत बढ़ सकती है जो कंपनी के लिए नुक्सानदेह हो सकता है।
2.33 किलोमीटर लंबा रोप-वे
पिरड़ी से बिजली महादेव मंदिर के पास के लिए यह रोप-वे 2.33 किलोमीटर लम्बा होगा, जिसमें 2 स्पैन होंगे। रोप-वे के माध्यम से पर्यटक 10 मिनट में बिजली महादेव पहुंच सकेंगे, जबकि सड़क के माध्यम से जिला मुख्यालय कुल्लू से करीब 15 किलोमीटर का सफर गाड़ी के करने के उपरांत डेढ़ किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ता है।
डीएफओ एंजन चौहान का कहना है कि बिजली महादेव रोप-वे प्रोजैक्ट का कार्य शुरू करने के लिए अंतिम अप्रूवल लेनी बाकी है। उसके बाद निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है। कंपनी को सीए, एनपीबी और पेड़ों की कीमत के रूप में 6 करोड़ रुपए जमा करने हैं। इस राशि के जमा करने के बाद अंतिम अनुमति मिलेगी। उसके बाद ही कार्य आरंभ किया जा सकता है।