Edited By Vijay, Updated: 17 Nov, 2022 07:37 PM

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) प्रदेश कार्यालय परवाणु ने मंडी जिले में बोतल बंद पेयजल का निर्माण करने वाले 2 उद्योगों को सील किया है। यही नहीं, बीआईएस ने इन उद्योगों में बड़ी मात्रा में बोतल बंद पेयजल को जब्त कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
सोलन (नरेश पाल): भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) प्रदेश कार्यालय परवाणु ने मंडी जिले में बोतल बंद पेयजल का निर्माण करने वाले 2 उद्योगों को सील किया है। यही नहीं, बीआईएस ने इन उद्योगों में बड़ी मात्रा में बोतल बंद पेयजल को जब्त कर कार्रवाई शुरू कर दी है। ये दोनों उद्योग बीआईएस के प्रमाणन चिन्ह के बिना बोतल बंद पेयजल का निर्माण कर रहे थे या यूं कहे इन दोनों उद्योगों के पास बीआईएस का प्रमाणन चिन्ह ही नहीं था। नकली मार्का लगाकर मुनाफा कमा रहे थे। इससे लोगों का स्वास्थ्य भी खतरे में पड़ गया है। इस मामले में बीआईएस एक्ट 2016 के तहत कार्रवाई शुरू हो गई है, जिसमें 3 साल तक कारावास या 2 लाख रुपए तक जुर्माने के साथ दोनों दंड का प्रावधान है।
2 टीमों का गठन कर डाली उद्योगों में रेड
बीआईएस कार्यालय परवाणु को गुप्त सूचना मिली थी कि मंडी में 2 उद्योगों में बीआईएस एक्ट 2016 की धज्जियां उड़ाकर बोतल बंद पेयजल का निर्माण हो रहा है। भारतीय मानक ब्यूरो ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए 2 टीमों का गठन किया। पहली टीम रामचरण दास के नेतृत्व में बनाई गई। इस टीम में सुधांशु सुमन सहित 2 वैज्ञानिक थे जबकि दूसरी टीम में श्याम लाल व सुयश पांड के अलावा 2 वैज्ञानिकों को शामिल किया था। दोनों टीमों ने स्थानीय पुलिस की मदद से सर्च एवं सीजर अभियान के तहत दोनों उद्योगों में रेड की। दोनों उद्योगों में बड़ी मात्रा में बोतल बंद पेयजल की खेप बरामद हुई। इन बोतलों पर बीआईएस का प्रमाणन चिन्ह नहीं था। बीआईएस एक्ट 2016 एवं एफएसएसएआई एक्ट के तहत कोई भी व्यक्ति भारतीय मानक ब्यूरो प्रमाणन चिन्ह के बिना बोतल बंद पेयजल का निर्माण या बिक्री के लिए प्रदर्शन नहीं कर सकता। ब्यूरो ने मौके पर कार्रवाई करते हुए इन दोनों उद्योगों को सील कर दिया।
क्या बोले बीआईएस के निदेशक
भारतीय मानक ब्यूरो के निदेशक एवं राज्य शाखा प्रमुख कुमार अनिमेष ने बताया कि बिना बीआईएस प्रमाणन चिन्ह के बोतल बंद पेयजल का निर्माण कर रहे 2 उद्योगों को सील किया गया है। बीआईएस एक्ट 2016 के तहत कार्रवाई की गई है। इसमें 3 साल की सजा के साथ 2 लाख रुपए के जुर्माने का भी प्रावधान है। उन्होंने बताया कि कई बार उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को दांव पर रखकर नकली आईएसआई चिन्हित उत्पादों का निर्माण करके उन्हें बड़े लाभ पर बेचा जाता है। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए भारतीय मानक ब्यूरो ने बीआईएस केयर एप भी बनाया है, जिसे प्ले स्टोर से डाऊनलोड कर वस्तुओं की गुणवत्ता, रजिस्ट्रेशन मार्क एवं लाइसैंस के विवरण आदि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। बीआईएस केयर एप्लीकेशन से हॉलमार्क वाली ज्वैलरी पर एचयूआईडी संख्या को भी सत्यापित किया जा सकता है। इस एप के माध्यम से गुणवत्ता संबंधित शिकायत दर्ज करवाने का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी यह कार्रवाई जारी रहेगी।
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