Edited By Vijay, Updated: 16 Dec, 2022 09:16 PM

प्रदेश हाईकोर्ट ने महिलाओं को एचआरटीसी बसों में 50 फीसदी बस किराए में छूट देने को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने इस स्कीम के जमीनी स्तर के लाभों को देखते हुए याचिका को...
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने महिलाओं को एचआरटीसी बसों में 50 फीसदी बस किराए में छूट देने को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने इस स्कीम के जमीनी स्तर के लाभों को देखते हुए याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इस स्कीम के फायदे का उल्लेख करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब लड़कियों को इस स्कीम से आगे पढ़ने के लिए क्षेत्र से बाहर निकलने का मौका मिलेगा। इस स्कीम से महिलाओं में सुरक्षा का आभास भी होगा क्योंकि इस स्कीम की वजह से ज्यादा संख्या में महिलाएं बसों का उपयोग कर सकेंगी और अधिक संख्या में होने के कारण वे आत्मरक्षा के प्रति जागरूक भी होंगी। इससे महिलाओं को कम खर्च कर क्षेत्र से बाहर जाकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच भी प्राप्त होगी।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में कोर्ट को बताया गया था कि महिलाओं को किराए में छूट देने का निर्णय कैबिनेट का है, जिसे 25 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी किया गया है। महिलाओं को बस किराए में छूट देने बारे प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था, जिसे राज्य सरकार ने कैबिनेट के समक्ष रखा और उसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। प्रार्थी का आरोप था कि राज्य सरकार द्वारा 7 जून, 2022 को जारी की गई यह अधिसूचना कानून के सिद्धांतों के विपरीत है जबकि महिलाओं व पुरुषों के लिए बराबर किराया होना चाहिए। इस विषय में यह दलील दी गई है कि पथ परिवहन निगम द्वारा ग्रीन कार्ड जैसी सुविधाएं देने की वजह से उन्हें नुक्सान उठाना पड़ता है।
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