Edited By Vijay, Updated: 14 Aug, 2024 06:29 PM
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर-1 पांवटा साहिब के न्यायाधीश विकास गुप्ता की अदालत ने एक महिला को धारा 3 इम्मोरल ट्रैफिकिंग एंड प्रिवैंशन एक्ट के तहत 3 वर्ष की सजा...
पांवटा साहिब (संजय): अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर-1 पांवटा साहिब के न्यायाधीश विकास गुप्ता की अदालत ने एक महिला को धारा 3 इम्मोरल ट्रैफिकिंग एंड प्रिवैंशन एक्ट के तहत 3 वर्ष की सजा व धारा 4 इम्मोरल ट्रैफिकिंग एंड प्रिवैंशन एक्ट के तहत 2 वर्ष की सजा व 3000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। उपरोक्त दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।
सहायक जिला न्यायवादी गौरव शर्मा ने बताया कि 6 अप्रैल, 2014 को उपपुलिस अधीक्षक राज्य गुप्तचर विभाग, शिमला की टीम को सूचना मिली थी कि गांव भुंगरनी तहसील पांवटा साहिब में अपने मकान में एक महिला जिस्मफरोशी का धंधा करवा रही है।
पुलिस टीम ने कार्रवाई के दौरान काफी मात्रा में करंसी व बीयर की बोतलों सहित अन्य 4 लोगों को आपत्तिजनक व्यवस्था में पाया गया, जिन्हें पुलिस ने मौके पर ही पकड़ा। आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज हुआ। अभियोजन पक्ष ने मुकद्दमे में 9 गवाहों के बयान दर्ज करवाए। अदालत में इस मुकद्दमे की पैरवी सहायक जिला न्यायवादी गौरव शर्मा ने की। अदालत ने आरोप सिद्ध होने पर दोषी महिला को उपरोक्त सजा सुनाई।
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