प्रदेश में हाल-बेहाल हो चुकी स्वास्थ्य सेवाओं का जिम्मेदार कौनः राणा

Edited By prashant sharma, Updated: 05 Mar, 2021 05:37 PM

who is responsible for recent disastrous health services in state rana

प्रदेश में हाल-बेहाल हो चुकी स्वास्थ्य सेवाओं के कारण आम नागरिक का जीवन जोखिम में है। सरकार स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा देने में बुरी तरह नाकामयाब हुई है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष व सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा ने कही।

हमीरपुर: प्रदेश में हाल-बेहाल हो चुकी स्वास्थ्य सेवाओं के कारण आम नागरिक का जीवन जोखिम में है। सरकार स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा देने में बुरी तरह नाकामयाब हुई है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष व सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा ने कही। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के बजट का एक बड़ा हिस्सा भ्रष्टाचार का शिकार होकर रह गया है। विभाग में अफसरशाही व दलाल माफिया का बोलबाला है। मेडिकल काॅलेजों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक में स्वास्थ्य सुविधाओं का अकाल पड़ा हुआ है। ऐसे में आम गरीब मरीज की जान आफत में है क्योंकि साधन संपन्न लोग तो प्राइवेट अस्पतालों में अपना ईलाज करवा लेते हैं लेकिन ऐसे में आम गरीब मरीज कहां जाए और कैसे अपना ईलाज करवाए, यह बड़ा सवाल प्रदेश की जनता के सामने पेश आ रहा है।

उन्होंने कहा कि हमीरपुर मेडिकल काॅलेज भी अपने कुप्रबंधन के चलते आए दिन सुर्खियों में है। बीते दिनों आरके एम मेडिकल काॅलेज हमीरपुर में एक महिला मरीज की आबरू को तार-तार किया गया है। इस गुनाह का कथित आरोप मेडिकल काॅलेज में ही तैनात एक डाॅक्टर पर लगा है लेकिन हैरानी यह है कि बेलगाम व बेखौफ व्यवस्था ने इस मामले की जांच करने के बजाए उसे दबाने और छिपाने का प्रयास किया है। मेडिकल काॅलेज का प्रबंधन ऑफिशिएटिंग प्रिंसिपल के हवाले है जहां अराजकता का आलम यह है कि वहां अधिकांश गंभीर ईलाजों का उपचार करने वाली मशीनें महीनों से खराब पड़ी हैं। डाॅक्टर अपनी सीटों पर मिलते नहीं हैं, गायनी विभाग जहां महिला मरीजों की भरमार रहती है, मेडिकल काॅलेज के बावजूद इस विभाग में डाॅक्टरों का टोटा है जिस कारण से गर्भवती महिलाएं घंटों परेशान होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि जानकारी यह भी आई है कि कुछ विभागों के डाॅक्टरों ने तो वर्षों से यहां मरीज देखा तक नहीं है, ऐसे में हमीरपुर मेडिकल काॅलेज में फैली अव्यवस्था का अंदाजा लगा पाना मुश्किल नहीं है। हमीरपुर ही नहीं चंबा, टांडा, शिमला, नाहन, मंडी में भी मेडिकल काॅलेजों की कमोवेश यही बदहाली है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बद से बदत्तर हो चुकी है।

राणा ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी की डबल ईंजन की सरकार अब आपसी रस्सा-कस्सी में बलेम गेम खेल रही है। इस बलेम गेम में अभी हाल ही में केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपनी ही सरकार को दोषी ठहरा कर मेडिकल काॅलेजों में महीनों से खराब पड़ी मशीनों का रोना रोया है। राणा ने कहा कि प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि जब बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में वोट लेने थे तब डबल ईंजन की सरकार का राग अलापा था लेकिन अब यह डबल ईंजन की सरकार एक दूसरे पर दोष मड़ कर बलेम गेम की सियासत कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता अब इस डबल ईंजन की सरकार से यह पूछना चाहती है कि जनता का क्या कसूर है। क्या जनता का यह कसूर है कि उन्होंने बीजेपी की बातों पर भरोसा कर उन्हें वोट दिया है या फिर जनता की जरूरतों व सपनों का भी अब केेंद्र की तर्ज  पर राज्य सरकार अब राष्ट्रीयकरण कर चुकी है जिसमें सरकार से सवाल पूछना ही गुनाह है।
 

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