Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Sep, 2017 10:52 AM
टोपी के रंग को लेकर हिमाचल में खूब राजनीति होती रही है। अधिकतर देखने में आया है कि कांग्रेसी नेता हरे रंग की टोपी पहनते हैं व बीजेपी के नेता महरून रंग की टोपी।
शिमला: टोपी के रंग को लेकर हिमाचल में खूब राजनीति होती रही है। अधिकतर देखने में आया है कि कांग्रेसी नेता हरे रंग की टोपी पहनते हैं व बीजेपी के नेता महरून रंग की टोपी। इसका ताजा उदाहरण पीटरहॉफ में देखने को मिला। जब मुख्यमंत्री ने सम्मान स्वरूप उन्हें प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर की तरफ से पहनाई जा रही लाल टोपी को पहनने की बजाय उसे पटक दिया। इस नजारे को देखकर पीटरहॉफ में सन्नाटा छा गया।
मुख्यमंत्री ने मंच पर किनारे फेंक दी टोपी
जैसे ही कौल ने टोपी वीरभद्र के हाथ में दी तो उन्होंने मंच पर किनारे में फेंक दी और अपनी टोपी पहन ली। हुआ यूं कि जब स्वास्थ्य मंत्री सीएम को सम्मानित करने को महरून रंग की टोपी पहनाने लगे थे, तो उन्होंने उसे नहीं पहना। सीएम ने बाद में महरून रंग की टोपी को साइड पर रख दिया और अपनी हरे रंग की टोपी पहन ली। हां, उन्होंने शाल जरूर ग्रहण की।
वीरभद्र बोले, बदलाव के खेल में मैं नहीं पड़ता
हालांकि मुख्यमंत्री लाल टोपी को पहनाए जाने पर भी नाराज नजर आए। यह सब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की मौजदूगी में हुआ। वहीं लोग पहेलियां बूझा रहे थे कि टोपी मैरून रंग की थी। हो सकता है कि मुख्यमंत्री ने इसलिए किनारे कर दी हो। वीरभद्र ने कहा कि पार्टी में बदलाव के खेल में मैं नहीं पड़ता हूं। कांग्रेस का सच्चा सिपाही हूं। मुख्यमंत्री हमेशा हरे रंग की ही टोपी पहनते हैं।