Edited By Vijay, Updated: 13 Jan, 2021 11:50 PM
जिला मुख्यालय से सटी खराहल घाटी के काईस गांव में बुधवार को साढ़े 4 बजे के करीब दियाली बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। दियाली में तांदला, धारा व काईस के लोगों के बीच में विशेष घास की बनी हुई रस्सी के साथ दौड़ आयोजित की गई।
कुल्लू (धनी राम): जिला मुख्यालय से सटी खराहल घाटी के काईस गांव में बुधवार को साढ़े 4 बजे के करीब दियाली बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। दियाली में तांदला, धारा व काईस के लोगों के बीच में विशेष घास की बनी हुई रस्सी के साथ दौड़ आयोजित की गई। इस परंपरा का निर्वहन आज भी लोग करते आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर माता देवी दशमी वारदा के जठाली के सिर पर सींग लगाकर प्राचीन अद्भुत देव परंपरा का निर्वहन किया गया। काईस देव स्थल के समीप अश्लील दोहे बोले गए जो देव परंपरा का एक भाग है।
दियाली को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग काईस पहुंचे। यह देव परंपरा पूरी देव रीति से निभाई जाती है। देवी दशमी वारदा के कारदार दोत राम ठाकुर ने कहा कि काईस में इस दौरान जो भी अश्लील दोहे बोले जाते हैं यह प्राचीन संस्कृति का ही हिस्सा है और ऐसा माना जाता है की पौष महीना काला महीना होने की वजह से आसुरी शक्तियों का प्रभाव ज्यादा होता है। इस कारण 12 महीने और 12 रीतियों के लिए अश्लील दोहे बोले जाते हैं ताकि बुरी शक्तियां दूर रहें।