Edited By Rahul Rana, Updated: 27 Jul, 2024 03:46 PM
देश में सबसे ऊंचाई पर शिंकुला सुरंग के बन जाने से लोगों को कई सारी सुविधाएं मिलने वाली है। जानकारी के अनुसार, लेह-केलांग-मनाली-दिल्ली की कनेक्टिविटी सालभर बनी रहेगी। सेना के काफिले की आवाजाही भी बर्फबारी के बीच सर्दी के कुछ दिन छोड़कर होती रहेगी।...
हिमाचल: देश में सबसे ऊंचाई पर शिंकुला सुरंग के बन जाने से लोगों को कई सारी सुविधाएं मिलने वाली है। जानकारी के अनुसार, लेह-केलांग-मनाली-दिल्ली की कनेक्टिविटी सालभर बनी रहेगी। सेना के काफिले की आवाजाही भी बर्फबारी के बीच सर्दी के कुछ दिन छोड़कर होती रहेगी। वहीं लाहौल के पर्यटन में भी उछाल आएगा। सामरिक दृष्टि से मनाली-लेह सड़क महत्वपूर्ण है।
शिंकुला सुरंग बनना सेना के लिए वरदान से कम नहीं
शिंकुला सुरंग बन जाने से यह सफर खासकर सेना के लिए वरदान से कम नहीं होगा। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख के द्रास-कारगिल में कारगिल विजय दिवस रजत जयंती समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने शिकुला सुरंग की आधारशिला भी रखी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के नायकों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए युद्ध स्मारक द्रास में उपस्थित होने का सौभाग्य महसूस कर रहा हूं।
पीएम ने वर्चुअल माध्यम से लद्दाख के लिए एनपीडी रोड पर रणनीतिक शिंकुला सुरंग की आधारशिला रखी और शिंकुला में पहला विस्फोट किया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से निम्मू-पदम-दारचा सड़क पर 15,800 फुट की ऊंचाई पर शिंकुला दर्रे पर 1,681 करोड़ रुपये की लागत से 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। यह सुरंग हिमाचल के लाहौल और लद्दाख के जांस्कर क्षेत्र को आपस में जोड़ेगी। शिंकुला सुरंग बनने से लेह लद्दाख के लाहौल, कुल्लू, मनाली के साथ संबंध और मजबूत रहेंगे, वहीं पर्यटन कारोबार में भी गति आएगी।
शिंकुला सुरंग बनने पर क्या होगे फायदे
कनेक्टिविटी में सुधार: लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के बीच सालभर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी। मनाली और लेह के बीच यात्रा समय कम हो जाएगा, जिससे लोगों और माल के परिवहन में आसानी होगी।
सामरिक महत्व: यह सुरंग भारतीय सेना के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि यह सीमावर्ती क्षेत्रों में तेजी से पहुंचने में मदद करेगी। सैनिकों और सैन्य उपकरणों की आवाजाही में सुधार होगा, जिससे सुरक्षा मजबूत होगी।
आर्थिक विकास: व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। परिवहन सुविधाओं में सुधार से क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी।
आपातकालीन सेवाएं: आपातकालीन स्थिति में लोगों की जल्दी मदद की जा सकेगी, क्योंकि सुरंग के कारण समय की बचत होगी। मेडिकल सुविधाएं और अन्य आपातकालीन सेवाएं आसानी से पहुंचाई जा सकेंगी।
सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध: विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों में सुधार होगा। जनजातीय और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी। शिंकुला सुरंग क्षेत्र के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और इससे जुड़े अनेक लाभों का फायदा पूरे देश को मिलेगा।