HPCA मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलते ही अनुराग ने घेरी कांग्रेस (Video)

Edited By Vijay, Updated: 02 Nov, 2018 06:02 PM

एच.पी.सी.ए. मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत के बाद पंजाब केसरी के साथ विशेष इंटरव्यू में एच.पी.सी.ए. के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीठ थपथपाने की बजाय उनका गला दबाने का प्रयास वीरभद्र सरकार ने किया था। उन्होंने कहा कि धर्मशाला...

ऊना (सुरेन्द्र): एच.पी.सी.ए. मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत के बाद पंजाब केसरी के साथ विशेष इंटरव्यू में एच.पी.सी.ए. के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीठ थपथपाने की बजाय उनका गला दबाने का प्रयास वीरभद्र सरकार ने किया था। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण करने पर सम्मान देने की बजाय उन्हें सम्मन भेजे गए।

एच.पी.सी.ए. पदाधिकारियों के परिवारों को किया गया प्रताड़ित
उन्होंने कहा कि प्रदेश का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट के मामले में नाम रोशन करने के बावजूद एच.पी.सी.ए. के पदाधिकारियों के परिवारों को प्रताड़ित किया गया। बड़े स्तर पर तबादले किए गए। केस दर्ज करने के लिए कोई न कोई बहाने तलाशे गए। उन्होंने कहा कि अंतत: सत्यता की जीत तो हुई लेकिन सबसे बड़ा नुक्सान हिमाचल प्रदेश और क्रिकेट खिलाडिय़ों का हुआ। लाखों रुपए की राशि जो खिलाडिय़ों की सुविधा पर खर्च होनी थी उसे मुकद्दमों पर खर्च करना पड़ा।

एच.पी.सी.ए. और प्रदेश सरकार को हुआ काफी आर्थिक नुक्सान
एच.पी.सी.ए. और प्रदेश सरकार को भी इन मुकद्दमों की वजह से काफी आर्थिक नुक्सान सहना पड़ा। वीरभद्र सिंह की द्वेष भावना और प्रताडि़त करने की नीति की वजह से ऐसा हुआ है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इन मुकद्दमों को खारिज किया है तो उन लोगों को भी करारी चपत लगी है, जिन लोगों ने शासन का पूरा समय एच.पी.सी.ए. को प्रताडि़त और परेशान करने के लिए लगा दिया। अतत: वह अब सत्ता से बाहर बैठे हैं।

द्वेष भावना से नहीं करना चाहते काम
क्या वीरभद्र सिंह पर एच.पी.सी.ए. आगामी कार्रवाई के लिए कोई केस करेगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले ही काफी नुक्सान हो चुका है। वह कोई द्वेष भावना से काम नहीं करना चाहते हैं। पूर्व वीरभद्र सरकार की गलत नीतियों का खमियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ा है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह ने खेलों को रोकने का प्रयास किया था।

देश में होती थी सराहना तो वीरभद्र रोकते थे कदम
उन्होंने कहा कि पूरे देश में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के कार्यों की सराहना हो रही थी लेकिन वीरभद्र सिंह क्रिकेट के बढ़ते कदमों को रोकने में अपनी पूरी ताकत बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए झोंके हुए थे। एच.पी.सी.ए. ने धर्मशाला के स्टेडियम के अतिरिक्त जगह-जगह स्टेडियमों का निर्माण किया। प्रदेश की क्रिकेट टीम को भी एक नम्बर पर पहुंचाया और अन्य सुविधाएं भी मुहैया करवाईं लेकिन इसके नाम पर केवल उन्हें दंडित करने का ही प्रयास किया गया।

कोई कैसे करेगा काम, यह एक बड़ा सवाल
क्या प्रदेश में और भी स्टेडियमों का निर्माण हो सकता है के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सोचने का विषय है कि क्या ऐसा काम किया जाए, जिसकी बदौलत सम्मान नहीं बल्कि सम्मन मिले। काम करने के बाद कोई न कोई दंडित करने का तरीका यहां ढंूढा जाता है। ऐसे में कोई काम कैसे करेगा, यह एक बड़ा सवाल है।

यह सत्य की जीत है
उन्होंने कहा कि धर्मशाला में एच.पी.सी.ए. को पहाड़ीनुमा एक जगह अलॉट की गई थी। वहां दुनिया का सबसे खूबसूरत स्टेडियम तैयार करके खिलाडिय़ों को समर्पित किया गया। अंतर्राष्ट्रीय मैच भी हुए लेकिन वीरभद्र सिंह की प्रतिशोध की भावना ने इस प्रदेश को काफी आर्थिक क्षति पहुंचाई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई राहत पर खुशी प्रकट करते हुए उन्होंनेे कहा कि यह सत्य की जीत है और उन लोगों को करारा जवाब है जो हमेशा बदले, प्रतिशोध और प्रताडि़त करने की नीति पर चलते हैं।

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