क्वारंनटाइन किए हुए लोगों के लिए व्यवस्थाओं से नाखुश हुए धवाला

Edited By prashant sharma, Updated: 16 May, 2020 10:56 AM

unhappy with arrangements for quarantined people

कोरोना महासंकट के कारण बैंगलुरु से ज्वालामुखी की 2 धर्मशालाओं में संस्थागत क्वारंनटाइन किए हुए लोगों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं न होने से राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष रमेश धवाला बुरी तरह से भड़क गए।

ज्वालामुखी (नितेश) : कोरोना महासंकट के कारण बैंगलुरु से ज्वालामुखी की 2 धर्मशालाओं में संस्थागत क्वारंनटाइन किए हुए लोगों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं न होने से राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष रमेश धवाला बुरी तरह से भड़क गए। तथा प्रशासन को चेतावनी दे डाली कि यदि कल तक इन लोगों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं न की गई तो इसकी शिकायत सीधे मुख्यमंत्री से की जाएगी। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसे किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा। घटना शुक्रवार देर शाम की है, जब विधायक रमेश धवाला ने 2 धर्मशालाओं में ठहराए हुए 97 लोगों के लिए प्रसाशन द्वारा की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के लिए धर्मशालाओं का औचक दौरा कर दिया।

बाहर से आए हुए लोगों को किसी प्रकार की समस्या तो नहीं आ रही है, इस बात की जांच करने के लिए धवाला अग्रवाल ट्रस्ट धर्मशाला ज्वालामुखी में प्रवेश कर गए। 2 गज की दूरी तथा मास्क व हाथों में ग्लब्ज पहने हुए धवाला ने प्रशासन के लोगों से कहा कि क्वारंनटाइन किए हुए लोगों की उनसे सीधी बात करवाई जाए। धवाला द्वारा बाहरी राज्यों से आए हुए लोगों की पूरी जानकारी ली गई तथा उनसे पूछा गया कि वह धर्मशाला में टॉयलेट्स का प्रयोग किस तरह से कर रहे हैं। लोगों ने बताया कि हालांकि उन्हें ठहरने के लिए अलग अलग कमरा दिया गया है परंतु शौचालयों की पूर्ण व्यवस्था न होने के कारण 5-5 व 6-6 लोग एक ही शौचालय का प्रयोग कर रहे हैं। इतनी बात सुनते ही धवाला गुस्से से भड़क उठे। 

उन्होंने मौके पर ही प्रसाशन से संबंधित लोगों को कहा कि ज्वालामुखी में 100 नहीं हजारों लोगों के ठहरने की उचित व्यवस्था पूरे नियमों के तहत की जा सकती है। परंतु क्या कारण है कि उनके निर्देशों के बाबजूद भी क्वारंनटाइन किए हुए लोगों के लिए प्रति व्यक्ति एक एक शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई। धवाला ने कहा कि जीवन के लिए इतनी खतरनाक इस बीमारी को ज्वालामुखी प्रसाशन हल्के में क्यों ले रहा है। जबकि बार बार प्रधानमंत्री तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस बात पर जोर दे रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए क्वारंनटाइन नियमों का पूरी तरह से पालन हो। धवाला का तर्क था कि यदि क्वारंनटाइन किए हुए 6-6 लोग एक ही शौचालय का प्रयोग करेंगे तो फिर क्वारंनटाइन का अर्थ ही क्या रह जाता है। इस तरह से तो एक व्यक्ति शौचालय का प्रयोग करेगा तथा उसी शौचालय में 5 अन्य लोग जाएंगे तो न चाहकर भी संक्रमण असंक्रमित लोगों को अपनी चपेट में ले लेगा तथा वायरस फैलने का पूरा खतरा बन जाएगा।

स्थानीय प्रसाशन से खफा धवाला ने मौके पर ही उपायुक्त कांगड़ा को घुमाया फोन

प्रशासनिक अधिकारियों को फटकार लगाने के बाद भी धवाला शांत नही हुए तथा उन्होंने मौके पर ही उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति को फोन घुमा दिया। उपायुक्त के साथ ज्वालामुखी प्रसाशन की इस गैर जिम्मेदाराना हरकत की शिकायत करते हुए उन्होंने जिला प्रसाशन को निर्देश दिया कि कल तक वो प्रसाशन को समय देते हैं कि क्वारंनटाइन किए हुए लोगों के लिए अलग अलग कमरें के साथ अलग अलग शौचालयों की भी व्यवस्था हो जानी चाहिए। ज्वालाजी की अन्य धर्मशालाओं को भी इस काम के लिए प्रयोग किया जा सकता है। धवाला की बाहरी राज्यों से आए हुए लोगों की चिंता के प्रति इतना सक्रिय होता देखकर क्वारंनटाइन किए हुए सभी लोगों ने अपने अपने कमरों की बालकनियों में आकर तालियां बजाकर अभिवादन किया।

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