उपायुक्त अनुपम कश्यप का बड़ा संकल्प: समाज में एक समान विकास करना प्रशासन का लक्ष्य

Edited By Jyoti M, Updated: 30 Dec, 2025 03:17 PM

una the goal of the administration is to bring about development in society

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक आयोजित की गई। जिला में अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत 2018 से वर्तमान...

 

शिमला। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक आयोजित की गई। जिला में अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत 2018 से वर्तमान तक 40 मामले न्यायालयों में लंबित है।

उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा मुहैया करवाना प्रशासन की प्राथमिकता है। समाज में समानता लाने के लिए व्यावहारिक प्रयास किए जाने चाहिए। अनुसूचित जाति/जनजाति के तहत दर्ज मामलों में बरी होने वाले मामलों की दर बहुत है। इस तरह के मामलों के पीछे असली वजह क्या है, इसके लिए इन मामलों का अध्ययन किया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों का आधार नई रणनीतियों के तहत बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि समाज में विकास एक समान रूप से करवाना प्रशासन का लक्ष्य है।

उन्होंने कहा कि जिला पुलिस के सभी जांच अधिकारियों के लिए विशेष कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यशाला में मामलों की प्रोसेसिंग की बेहतरी के लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुलिस में दर्ज बहुत से मामले कोर्ट में साबित नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली भी प्रभावित हो रही है।बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी कानून व्यवस्था पंकज शर्मा, जिला कल्याण अधिकारी कपिल शर्मा सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।

अल्पसंख्यक बच्चों को मिल रही सभी सुविधाएं

इसके पश्चात प्रधानमंत्री नए 15 सूत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय समिति बैठक उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित की गई।उपायुक्त ने कहा कि जिला शिमला में 2154 आंगनवाड़ी केंद्र हैं जिनमें से 231 आंगनवाड़ी केन्द्र अल्पसंख्यकों की जनसंख्या वाले हैं। 207 आंगनवाड़ी केन्द्रों में अल्पसंख्यकों की जनसंख्या 25 प्रतिशत से कम है तथा 24 आंगनवाड़ी केंद्रों में 25 प्रतिशत से अधिक है। समेकित बाल विकास सेवाओं के अंतर्गत जिला शिमला में 11 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा 7 आंगनवाड़ी सहायिका अल्पसंख्यक समुदाय से सम्बन्ध रखती हैं।

जिला शिमला में 2154 आंगनवाड़ी केंद्र में 0 से 6 वर्ष के अल्पसंख्यक समुदाय के 491 बच्चे पंजीकृत हैं जिनमें से 387 बच्चों को विशेष पोषण कार्यक्रम के तहत पोषण की सुविधा प्रदान की जा रही है और 3 से 6 वर्ष के 137 बच्चों को प्री-स्कूल शिक्षा प्रदान की जा रही है। 0 से 5 वर्ष के 453 अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों का वजन और उनकी लंबाई मापी गई जिसमें 439 बच्चे सामान्य, 11 बच्चे मध्यम रूप से कुपोषित और 3 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित पाए गए। इसके अतिरिक्त 102 गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाएं अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित है ।

उपायुक्त ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा की उपलब्धता को सुधारने के उद्देश्य से समग्र शिक्षा के अंतर्गत अनेक योजनाएं चल रही है, जिसमें से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एक है। इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक समुदाय और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की लड़कियों को आवासीय सुविधाओं के साथ शिक्षा प्रदान की जा रही है।

वर्तमान में जिला शिमला में शिक्षा खण्ड छोहारा के अंतर्गत आंध्रा में 95 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं तथा राजकीय उच्च पाठशाला गौंसारी तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गौंसारी के अंतर्गत पंजीकृत है। रा०व०मा०पा० संजौली व रा०उ०पा० कैथू में उर्दू विषय के 66 छात्रों को शिक्षा प्रदान की जा रही है और इन छात्रों को मध्यान्ह भोजन, मुफ्त पाठ्य पुस्तकें तथा वर्दी की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह मदरसा ग्राम कुठार डा० ग्यांह तहसील चौपाल जिला शिमला में संचालित किया जा रहा है।

इस मदरसे का खर्च सोसायटी द्वारा अपने संसाधनों से वहन किया जा रहा है। वर्तमान में इस मदरसे में 87 बच्चे हैं जिनमें से 60 बच्चे छात्रावास में रहते हैं तथा 27 बच्चे डे-स्कॉलर हैं। 87 बच्चों में से 73 स्थानीय हैं तथा 14 अन्य राज्यों से सम्बन्धित हैं। इसमें पहली से पांचवी की शिक्षा प्रदान करने हेतु उप-निदेशक, प्राथमिक शिक्षा हि०प्र० से सम्बद्ध है। मदरसे में 47 बच्चे पांचवी कक्षा तक की पढ़ाई करते है जिसमें एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम अपनाया जाता है तथा मदरसे के स्टाफ द्वारा उर्दू और अरबी भाषा की धार्मिक शिक्षा भी दी जाती है। पांचवी के बाद 40 बच्चे अपनी आगे की पढ़ाई रा०व०मा०पा० कुठार और रा०उ०पा० मानू में कर रहे हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के शैक्षणिक स्तर में सुधार लाने मौलाना अब्दुल कलाम आजाद फाउंडेशन के माध्यम से मूलभूत ढांचा सुदृढ़ करने हेतु अनुदान देने का प्रावधान है। 

जिला विकास अधिकारी, जिला शिमला से प्राप्त सूचना अनुसार MGNREGA के तहत जिला शिमला में 168 परिवारों को रोजगार प्रदान किया गया। वर्तमान में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज प्रगति नगर में 12 छात्र, राजकीय फार्मेसी कॉलेज रोहडू में 10 छात्र, राजकीय पॉलिटेकनिक कॉलेज प्रगति नगर में 02 छात्र, राजकीय पॉलिटेकनिक कॉलेज रोहडू में 06 छात्र अल्पसंख्यक समुदाय से सम्बन्धित शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

प्रधानाचार्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, शिमला से प्राप्त सूचना अनुसार वर्तमान में उक्त संस्थान में अल्पसंख्यक समुदाय के 10 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं जिनमें से 07 मुस्लिम व 03 सिख समुदाय से सम्बन्धित हैं। टर्म लोन योजना के तहत 3637 लाभार्थियों को 108.63 करोड़ रुपये तथा वित्त वर्ष 2025-26 में 40 लाभार्थियों को 2.38 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। शिक्षा ऋण के अंतर्गत कुल 40 लाभार्थियों के लिये 1.88 करोड़ रुपए तथा वित्त वर्ष 2025-26 में की राशि में से 01 लाभार्थी को 0.18 करोड़ की राशि वितरित की गई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 लाभार्थियों के पक्ष में 2 लाख 47 हजार रुपए वितरित किए गए हैं।

जिला में कोई भी सफाई कर्मी नहीं ढोता हाथ से मैला

हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन प्रतिषेध व उनका पुनर्वास अधिनियम 2013 के तहत जिला स्तरीय बैठक उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित की गई। उपायुक्त ने कहा कि जिला में कोई भी सफाई कर्मी हाथ से मैला ढोते हुए नहीं पाया गया है। जिला में नगर निगम और संस्था स्थानीय निकायों के तहत स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए 22 शिविर का आयोजन किया गया है। नगर निगम शिमला में सफाई कर्मचारियों को 425 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। जांच शिविर के माध्यम से सफाई कर्मियों और उनके परिवारों की नियमित स्वास्थ्य की जा रही है।

नगर निगम शिमला तथा समस्त स्थानीय निकायों से प्राप्त सूचना अनुसार सफाई कर्मियों को आरोग्य उपकरण जैसे गम बूट, दस्ताने, फेस मास्क इत्यादि उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। एसजेपीएनएल द्वारा भी सफाई कर्मियों को आरोग्य उपकरण (Sanitary Kits), Sucking तथा Jetting machine इत्यादि उपलब्ध करवाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों के बच्चों के लिए कक्षा प्रथम से दसवीं तक केन्द्र सरकार द्वारा विशेष छात्रवृति योजना (SC Component-II) चलाई जा गई है। इस योजना के अन्तर्गत छात्रवृति प्राप्त करने हेतु National Scholarship Portal में वर्तमान वित्तीय वर्ष में जिला शिमला में कुल 8 नए एवं 2 पुराने मामलों का पंजीकरण हुआ है। नगर निगम शिमला में नियमित सफाई कर्मचारियों को आवास की सुविधा प्रदान की गई है। नगर निगम शिमला में सफाई कर्मचारियों के आश्रितों को करूणामूलक आधार पर नौकरी के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार की नीति अनुसार कार्यवाही की जाती है।

बैठक में स्व० जयदेव (बेलदार) की सेप्टिक टैंक में मृत्यु अगस्त 2025 में हुई थी, जिस बारे सफाई कर्मचारी आयोग द्वारा उक्त घटना बारे कार्यवाही रिपोर्ट चाही गई है। शिमला जल प्रबंधन समिति से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार उक्त कर्मचारी M/s 21st Century Enviro Engg. Pvt. Ltd. चंडीगढ़ के अधीन कार्यरत है तथा उक्त एजैन्सी को मृतक के आश्रितों को देय राशि के भुगतान बारे लिखा गया है।

101 दिव्यांगजनों को रोजगार किया प्रदान 

दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 के अनुभाग (72) के अन्तर्गत गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में बचत भवन में आयोजित की गई। अधिनियम के अनुभाग (72) के अंतर्गत जिला स्तरीय समिति द्वारा दिव्यांगजनों के पुनर्वास, सशक्तिकरण, अधिनियम के कार्यान्वयन, प्रावधानों की जांच, योजनाओं के संचालन, शिकायतों के निवारण तथा दिव्यांग सरकारी कर्मचारियों द्वारा की गई अपील के संदर्भ में की गई कार्रवाई व सही सुझाव देने बारे समिति का गठन किया जाता है। जिला स्तरीय समिति द्वारा प्राधिकारियों को दिव्यांगजनों से सम्बन्धित पुनर्वास व सशक्तिकरण हेतु परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2025-26 में मनरेगा के अन्तर्गत 101 दिव्यांगजनों को रोजगार प्रदान किया गया।

जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय द्वारा जिनकी स्थायी दिव्यांगता जिला चिकित्सा बोर्ड द्वारा 40-69 प्रतिशत या इससे अधिक आंकी गई हो तथा वह स्वयं या उनके अभिभावक किसी भी सरकारी/अर्द्ध सरकारी सेवा से पैशन न ले रहे हो तथा आयकर दाता तथा सरकारी सेवा में कार्यरत न हो, तो पुरुषों को मु० 1150/- रुपए तथा महिलाओं को मु0 1500/- रुपए मासिक पेंशन प्रदान की जाती है तथा जिन दिव्यांगजनों की दिव्यांगता प्रतिशत्ता 70 प्रतिशत या इससे अधिक हो, को मु० 1700/- रुपए की दर से मासिक पेंशन प्रदान की जाती है।

सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत चालू त्रैमास में 7188 दिव्यांगजनों को पेंशन स्वीकृत है। सुगमय भारत अभियान के अन्तर्गत राजधानी के जिला मुख्यालय पर 50 प्रतिशत सरकारी भवनों को बाधा रहित बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उपायुक्त शिमला कार्यालय के ब्लॉक (सी) व (डी) का प्राक्कलन भारत सरकार को भेज दिया गया है। दिव्यांगजनों को यू०डी०आई०डी० कार्ड के अंतर्गत पहचान पत्र जारी किए जा रहे हैं जिसके लिए सम्बन्धित मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्राधिकृत किए गए हैं। सम्बन्धित दिव्यांगजन किसी भी लोक मित्र केन्द्र में अपना पंजीकरण करवा सकते हैं जिसे सम्बन्धित मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा अनुमोदित करने उपरान्त भारत सरकार को भेजा जाता है। जिला में दिव्यांगजनों को 44 मामलों में छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है।

 

 

दो नए मामलों में कानूनी संरक्षक किए नियुक्त 

राष्ट्रीय न्याय अधिनियम 1999 के अंतर्गत स्थानीय स्तरीय समिति की बैठक उपायुक्त अनुपम की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि जिला में 127 दिव्यांगजन हैं जिनके के लिए कानूनी संरक्षक नियुक्त किए गए हैं। इसके साथ ही दो नए मामलों में कानूनी संरक्षक नियुक्त करने के बारे में सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है।

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