Edited By Jyoti M, Updated: 12 Sep, 2024 11:49 AM
उपमंडल अम्ब के किन्नू स्थित उचित मूल्य की दुकान में इन दिनों कीड़े युक्त आटा ग्राहकों को बेचा जा रहा है। कई ग्राहकों द्वारा मामले की शिकायत उचित मूल्य दुकान के कार्यालय में भी गई है, लेकिन सस्ते आटे के चक्कर में ग्रामीण उक्त आटा ले जाने को विवश हैं।
चिंतपूर्णी, (हिमांशु): उपमंडल अम्ब के किन्नू स्थित उचित मूल्य की दुकान में इन दिनों कीड़े युक्त आटा ग्राहकों को बेचा जा रहा है। कई ग्राहकों द्वारा मामले की शिकायत उचित मूल्य दुकान के कार्यालय में भी गई है, लेकिन सस्ते आटे के चक्कर में ग्रामीण उक्त आटा ले जाने को विवश हैं। यहां ऐसा नहीं है कि उक्त उचित मूल्य की दुकान पर ही ऐसा आटा मिल रहा है, बल्कि उपमंडल में कई दर्जनों ऐसी उचित मूल्यों की दुकानें हैं, जहां ऐसा आटा को उपभोक्ताओं को बांटा जा रहा है।
बताते चलें कि विभाग द्वारा निरंतर कागजों में चैकिंग अभियान चलाया जाता है। उपमंडल स्तर की हर उचित मूल्य की दुकान का निरीक्षण खाद्य आपूर्ति विभाग के उपमंडल स्तर के निरीक्षक करते हैं और समय-समय पर सैंपल भी भरते हैं लेकिन किन्नू स्थित उचित मूल्य की दुकान पर आटे से निकले कीड़ों ने विभाग पर ही कई सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
क्यों पड़ते हैं कीड़े
आटे में फोर्टिफिकेशन न डालने के चलते आटे में कीड़े पड जाते हैं। फोर्टिफिकेशन वो कैमिकल है, जिससे आटे में एक माह से अधिक समय तक किसी भी तरह के कीड़े पड़ने की संभावना नहीं रहती है, लेकिन ज्यादातर आटा मिलधारक आटे में उक्त कैमिकल नहीं डालते, जिससे आटे में कीड़े पड़ जाते हैं। हालांकि विभाग द्वारा फोर्टिफिकेशन डालना अनिवार्य है, लेकिन ज्यादा मुनाफे के चक्कर में मिलधारक उक्त पदार्थ नहीं डालते। वहीं दूसरी ओर अक्सर बरसात के दिनों में खुले कट्टे में आटे में कीड़े लग जाते हैं, लेकिन बंद बोरियों में कीड़े पड़ने का अर्थ है कि काफी दिनों तक उक्त आटा मिल अथवा सरकारी गोदाम में पड़ा हुआ था।
राजीव शर्मा, डी. एफ. एस. सी. ऊना ने कहा कि इस संदर्भ में इंस्पैक्टर को सैंपल भरने के आदेश दिए गए हैं। सैंपल भरने के दौरान मामले में कार्रवाई में डिपो के आटे हो निकृत राई फाँडे की जाएगी और खराब आटे को मिलधारक को वापस भेजा जाएगा।