Himachal: आंगनबाड़ी वर्कर्ज को नियमित कर्मचारी घोषित नहीं किया तो तेज होगा आंदोलन

Edited By Kuldeep, Updated: 12 Jul, 2025 10:12 PM

una anganwadi workers agitation

आंगनबाड़ी वर्कर्ज एवं हैल्पर्ज यूनियन (संबंधित सीटू) हिमाचल प्रदेश का 2 दिवसीय राज्य सम्मेलन ऊना में शुरू हुआ। सम्मेलन का ध्वजारोहण यूनियन की राज्य अध्यक्ष नीलम जसवाल ने किया।

ऊना (सुरेन्द्र): आंगनबाड़ी वर्कर्ज एवं हैल्पर्ज यूनियन (संबंधित सीटू) हिमाचल प्रदेश का 2 दिवसीय राज्य सम्मेलन ऊना में शुरू हुआ। सम्मेलन का ध्वजारोहण यूनियन की राज्य अध्यक्ष नीलम जसवाल ने किया। सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रीय अध्यक्ष ऊषा रानी ने किया। सम्मेलन की रिपोर्ट राज्य महासचिव वीना शर्मा ने रखी। सम्मेलन को सीटू राष्ट्रीय सचिव डा. कश्मीर ठाकुर ने संबोधित किया।

सम्मेलन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, उपाध्यक्ष जगत राम, कोषाध्यक्ष अजय दुलटा, राजेश शर्मा, आशीष कुमार, जिला महासचिव गुरनाम सिंह, नरेश, अनुराधा, आशा, विजय शर्मा, पूर्व प्रधानाचार्य कुलवंत राय पाठक, किसान नेता के के राणा, युवा नेता एडवोकेट आकाश राणा, एडवोकेट अजय कुमार, रोहित कांडा, सुखपाल सिंह, सुजान सिंह, मजीद, ओमप्रकाश सिद्धू, चनन सिंह, रविन्द्र कुमार, पूनम, नरेश, सरीना व बिस्ला देवी आदि मौजूद रहे।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए ऊषा रानी एवं डा. कश्मीर ठाकुर ने आंगनबाड़ी कर्मियों को 9 जुलाई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने की बधाई देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी यह हड़ताल आज तक की सबसे बड़ी हड़ताल रही है। हड़ताल के दिन जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर हुए प्रदर्शनों में 10 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी कर्मी शामिल हुए। इस दौरान प्रदेश के ज्यादातर आंगनबाड़ी केन्द्र बंद रहे।

कई स्थानों पर जबरदस्त प्रदर्शन हुए। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा आईसीडीएस के निजीकरण व बजट कटौती की निंदा की। उन्होंने मोदी सरकार को आई.सी.डी.एस. विरोधी करार दिया। मोदी सरकार की आईसीडीएस विरोधी नीतियों के कारण आंगनबाड़ी वर्कर्ज, हैल्पर्ज व मिनी आंगनबाड़ी कर्मी बुरी तरह त्रस्त हैं।

ये हैं मांगेें
मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी का दर्जा दिया जाए व समान कार्य का समान वेतन दिया जाए। किसी भी मिनी आंगनबाड़ी केंद्र को बंद न किया जाए। सभी आंगनबाड़ी कर्मियों के वेतन में बढ़ौतरी की जाए व उन्हें रैगुलर किया जाए। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री-प्राइमरी स्कूल का दर्जा देने, सुपरवाइजर नियुक्ति के लिए भारतवर्ष के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय की डिग्री को मान्य करने, वरिष्ठता के आधार पर मैट्रिक व ग्रैजुएशन किए कर्मियों की सुपरवाइजर में तुरंत भर्ती करने, सरकारी कर्मचारी के दर्जे, हरियाणा की तर्ज पर वेतन व वरिष्ठता लाभ देने, पंजाब की तर्ज पर मैडीकल सहित अन्य छुट्टियां देने, रिटायरमैंट आयु 65 वर्ष करने, वर्दी के लिए उचित आर्थिक सहायता देने, मोबाइल रिचार्ज व स्टेशनरी की सुविधा देने, पोषण ट्रैकर एप की दिक्कतों को दूर करने की मांग तथा नन्द घर बनाने की आड़ में आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करके निजीकरण की साजिश तथा डायरैक्ट बैनीफिट ट्रांसफर, पोषण ट्रैकर एप व 30 प्रतिशत बजट कटौती के मुद्दे पर आंगनबाड़ी कर्मियों से संघर्ष तेज करने का आह्वान किया।

उन्होंने केंद्र सरकार को चेताया कि अगर आंगनबाड़ी वर्कर्ज को नियमित कर्मचारी घोषित नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज होगा। उन्होंने कहा कि आईसीडीएस का निजीकरण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे भविष्य में कर्मियों को रोजगार से हाथ धोना पड़ेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से वर्ष 2013 में हुए 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित करने की मांग की है।

हरियाणा की तर्ज पर दिया जाए वेतन
उन्होंने मांग की है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को हरियाणा की तर्ज पर वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएं। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए पैंशन, ग्रैच्युटी, मैडीकल व छुट्टियों की सुविधा लागू करने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा आंगनबाड़ी वर्कर्ज को दिया जाए क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं। इसकी एवज में उनका वेतन बढ़ाया जाए व उन्हें नियमित किया जाए। चुनाव ड्यूटी लगाने पर इंसेंटिव दिया जाए। आंगनबाड़ी वर्कर्ज एवं हैल्पर्ज के खाली पदों को तुरंत भरा जाए। अतिरिक्त काम का डबल भुगतान किया जाए।

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