Edited By Updated: 03 Dec, 2016 01:33 AM
स्वां तटीकरण परियोजना को लेकर उद्योग मंत्री बार-बार प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहे हैं। यह बात प्रदेश भाजपाध्यक्ष व ऊना सदर विस क्षेत्र के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने ऊना में जारी एक बयान में कही।
ऊना: स्वां तटीकरण परियोजना को लेकर उद्योग मंत्री बार-बार प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहे हैं। यह बात प्रदेश भाजपाध्यक्ष व ऊना सदर विस क्षेत्र के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने ऊना में जारी एक बयान में कही। सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि उद्योग मंत्री एक तरफ स्वां नदी तटीकरण परियोजना को प्रदेश सरकार की देन करार देते हुए इसका श्रेय लूट रहे थे, वहीं अब इसका काम बंद होने पर इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जब कांगड़ में इस परियोजना को शुरू किया गया तब न तो इसके शुभारंभ के लिए केंद्रीय मंत्री को आमंत्रित किया गया और न ही स्थानीय सांसद अनुराग ठाकुर को इस कार्यक्रम का न्यौता दिया गया। उद्योग मंत्री इस परियोजना को अपनी व्यक्तिगत उपलब्धि बताकर इतराते रहे, वहीं अब वह इसके बंद होने के लिए केंद्र को कोस रहे हैं।
स्वां तटीकरण योजना पूर्व सी.एम. प्रेम कुमार धूमल का ड्रीम प्रोजैक्ट था जिसके लिए उन्होंने संसद के भीतर व बाहर लंबी लड़ाई लड़ी। 1998 में पहली बार सी.एम. बनने के बाद प्रेम कुमार धूमल ने 11 अप्रैल, 2000 को 106.03 करोड़ रुपए की लागत से प्रथम चरण स्वां तटीकरण परियोजना को मंजूरी प्रदान की थी। स्वां नदी तटीकरण के दूसरे चरण के कार्य के लिए 235.52 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में 29 मार्च, 2008 को दी। इसके तहत झलेड़ा पुल से गगरेट पुल तक दोनों किनारों पर 28.34 किलोमीटर तटीकरण का कार्य उनके कार्यकाल में ही 211.02 करोड़ रुपए की लागत से संपन्न हुआ। सतपाल सत्ती ने कहा कि स्वां तटीकरण के तीसरे चरण को भी भाजपा सरकार ने ही अनुमोदित किया जबकि भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही नवम्बर, 2011 में चौथे चरण की डी.पी.आर. केंद्रीय जल आयोग को भेजी गई थी। उन्होंने कहा कि उद्योग मंत्री अपनी विफलताओं का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़कर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।