Edited By Vijay, Updated: 10 Sep, 2024 07:11 PM
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि जिला लाहौल-स्पिति के स्कूलों को मर्ज करने के बाद जिन बच्चों को नदी-नालों या दुर्गम रास्तों से गुजरना पड़ रहा, ऐसे मामलों की समीक्षा की जाएगी।
शिमला (प्रीति): शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि जिला लाहौल-स्पिति के स्कूलों को मर्ज करने के बाद जिन बच्चों को नदी-नालों या दुर्गम रास्तों से गुजरना पड़ रहा, ऐसे मामलों की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार राज्य में शिक्षा में सुधार को लेकर कार्य कर रही हैं। स्कूलों को मर्ज करना व शिक्षकों का युक्तिकरण भी इसी प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है। उन्होंने यह जानकारी सदन में विधायक अनुराधा राणा द्वारा नियम-62 के तहत उठाए गए मामले के जवाब में दी। उन्होंने कहा कि बीते दो दशकों में हिमाचल के स्कू लों में 5 लाख 13 हजार छात्र कम हुए हैं।
उन्होंने कहा कि स्कूलों को केवल हिमाचल ने ही मर्ज नहीं किया है। देश में 76 हजार स्कूल मर्ज हुए हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि गुजरात राज्य से वर्ष 2013 में इसकी शुरूआत की गई थी। यहां पर 5200 स्कूलों को मर्ज किया गया, मध्य प्रदेश में 18 हजार स्कूल मर्ज हुए हैं। महाराष्ट्र में 14 हजार, जम्मू कश्मीर में 4,790, राजस्थान में 2,035, छत्तीसगढ़ में 2 हजार से अधिक, उत्तराखंड में 1,671 और हरियाणा में 600 से अधिक स्कू लों को मर्ज किया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 26 हजार स्कूलों को मर्ज किया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि नीति आयोग व केंद्र सरकार की ओर से यह दिशानिर्देश दिए गए हैं सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि 16वें वित्त आयोग की टीम हाल ही में शिमला आई थी। उन्होंने भी इसको लेकर सुझाव दिया था। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इस सोच के साथ आगे बढ़ रही है।
मर्ज हुए स्कूलों के आंकड़े भी ठीक नहीं
इससे पूर्व अनुराधा राणा ने कहा कि जो स्कूल मर्ज हुए हैं, उसके आंकड़े भी ठीक नहीं है। इन्हें ठीक करवाया जाए और इस फैसले पर रिव्यू किया जाए। उन्होंने कहा है कि उनका क्षेत्र हिम-स्खलन वाला क्षेत्र है, ऐसे में यहां छूट मिलनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा है कि जब तक स्कूल ऑफ एक्सीलैंस शुरू नहीं हो जाते, तब तक बच्चों को वहीं सुविधाएं दी जाएं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आंकड़े स्कूलों से ही मंगवाए गए है, फिर भी इसमें यदि कोई आपत्ति लगती है तो इसका दोबारा रिव्यू किया जाएगा।
जहां सडक़ की सुविधा नहीं, वहां जिला मुख्यालयों के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा सरकार किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित नहीं रहने देगी। जहां पर सड़क की सुविधा नहीं वहां जिला मुख्यालयों के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी। यदि उनके परिजन भी आने चाहेंगे तो उनका भी प्रबंध करवाया जाएगा। सरकार बच्चों को लाने और छोडऩे के लिए परिवहन सुविधा का प्रबंध भी करेगी।
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