Edited By Rahul Singh, Updated: 26 Aug, 2024 02:06 PM
जिला कांगड़ा की दुर्गम घाटी छोटा भंगाल के मुल्थान और मंडी जिला की चौहार घाटी के बरोट गांवों में ऊहल और लंबाडग खड्डों का पानी अब बाढ़ जैसी स्थिति में यहां की संपत्तियों का बाल भी बांका नहीं कर सकेगा। स्टेट डिजास्टर मिटिगेशन प्रोजैक्ट के तहत 288 लाख...
बैजनाथ, (विकास बावा): जिला कांगड़ा की दुर्गम घाटी छोटा भंगाल के मुल्थान और मंडी जिला की चौहार घाटी के बरोट गांवों में ऊहल और लंबाडग खड्डों का पानी अब बाढ़ जैसी स्थिति में यहां की संपत्तियों का बाल भी बांका नहीं कर सकेगा। स्टेट डिजास्टर मिटिगेशन प्रोजैक्ट के तहत 288 लाख रुपए की लागत से ऊहल खडू का तटीकरण किया जाएगा। प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत्त हाल ही में इस परियोजना के बाकायदा टैंडर हो चुके हैं और काम भी आरंभ हो चुका है। निश्चित तौर पर बाढ़, बादल फटने और नदियों में बाढ़ जैसी स्थिति में यह परियोजना छोटा भंगाल के लोगों के बड़े दर्द पर मरहम का काम करेगी।
हाल ही के महीना में निजी विद्युत परियोजना के पेन स्टॉक फटने से पूरे गांव में मलबा भर गया था। इस वजह से कई मकान तबाह हुए थे। कार्य योजना के मुताबिक तकरीबन 1200 मीटर लंबाई तक ऊहल खड्डू का तटीकरण किया जाएगा, जिसमें पहले 10-15 फुट ऊंची कंकरीट की मजबूत दीवार बनाई जाएगी और उसके आगे इतनी ऊंचाई के पत्थरों की क्रेट वॉल लगाई जाएगी। मुद्दा जब स्थानीय विधायक किशोरी लाल ने विधानसभा में उठाया तो मंत्रिमंडलीय स्तर पर इस वृहद परियोजना को धरातल पर उतरने के लिए लोक निर्माण और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर इसका स्थायी हल निकालने के मुख्यमंत्री ने आदेश दिए थे।
नतीजा यह हुआ कि 1 वर्ष के भीतर ही प्रोजैक्ट एडवाइजरी कमेटी की मंजूरी के बाद टैक्नीक ल एडवाइजरी कमेटी द्वारा इस परियोजना को धरातल पर उतरने के लिए स्टेट डिजास्टर मिटिगेशन कमेटी से फंडिंग के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। इस बारे मुल्थान पंचायत के उपप्रधान संजीव ठाकुर ने कहा कि वर्ष 1985, 1991 और 1995 में ऊहल खड्डू की बाढ़ से मुल्थान बाजार में भयानक तबाही मचाई थी। 2003 और 2005 में भी बाढ़ के पानी से मुल्तान और बरोट के बाजार जलमग्न हो गए थे। 2015 में बादल फटने की वजह से एक बार फिर ग्रामीणों की संपत्तियों को नुक्सान पहुंचा था। हाल ही में गर्मियों के दिनों में निजी विद्युत परियोजना की पेन स्टॉक फटने से पहाड़ी का भारी मलबा लोगों के घरों और दुकानों में घुस गया था।
टैंडर के बाद कार्य भी शुरू: अधिशासी अभियंता
जल शक्ति विभाग मंडल बैजनाथ के अधिशासी अभियंता ई. राहुल धीमान ने कहा कि 288 करोड़ की ऊहल तटीकरण की परियोजना को स्वीकृति मिल चुकी है। टैंडर के बाद कार्य भी शुरू हो चुका है। प्रोजैक्ट एडवाइजरी कमेटी और टैक्नीकल मंजूरी के बाद स्टेट डिजास्टर मिटिगेशन से प्रदेश सरकार द्वारा फंड उपलब्ध करवाया गया है। परियोजना के बरातल पर उतरने से न तो किसानों की खेती योग्यभूमि बहेगी और न ही संपतियों को नुक्सान होगा।
मुल्यान और बरोट क्षेत्र को लाभ किशोरी लाल
प्राकृतिक आपदा की स्थिति में ऊहल खड्डू के किनारे ग्रामीण क्षेत्रों को काफी नुक्सान हुआ था। बा भंगाल जाने वाले रास्ते के कई पुल बह गए थे। अधिकारियों के साथ स्वयं दौरा कर क्षेत्र की स्थिति को विधानसभा में उठाया था। जल शक्ति और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने तटीकरण को जरूरी माना, जिसे मुख्यमंत्री ने प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति दी है। निश्चित तौर पर इस परियोजना से मुल्यान और बरोट के अलावा कई गांवों की जनता लाभान्वित होगी