Edited By Vijay, Updated: 31 Dec, 2025 03:46 PM

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय (पोक्सो कोर्ट) किन्नौर स्थित रामपुर की अदालत ने एक अहम फैसला सुनाते हुए आराेपी इरफान अली उर्फ शाहरूख (25) पुत्र मूसा खान निवासी गांव दरशल, डाकघर तकलेच, तहसील रामपुर व जिला शिमला को....
रामपुर बुशहर (संताेष/नाेगल): अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय (पोक्सो कोर्ट) किन्नौर स्थित रामपुर की अदालत ने एक अहम फैसला सुनाते हुए आराेपी इरफान अली उर्फ शाहरूख (25) पुत्र मूसा खान निवासी गांव दरशल, डाकघर तकलेच, तहसील रामपुर व जिला शिमला को आईपीसी की धारा 363, 366ए, 376 और पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत दाेषी करार देते हुए 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 10000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है और पीड़िता को 50000 रुपए का मुआवजा देने का भी आदेश पारित किया है।
क्या था पूरा मामला?
उप जिला न्यायवादी कमल चन्देल ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि घटना वर्ष 2019 की है। उस समय 15 वर्षीय पीड़िता 10वीं कक्षा में पढ़ती थी। आरोपी इरफान अली उर्फ शाहरूख जो पेशे से एक ट्रक ड्राइवर है, सेब सीजन के दौरान काम के सिलसिले में किन्नौर आया था। इसी दौरान उसकी मुलाकात पीड़िता से हुई और उसने उसका मोबाइल नंबर ले लिया। इसके बाद दोनों की फोन पर बातचीत होने लगी। 26 दिसम्बर, 2019 को आरोपी इरफान ने पीड़िता को मिलने के लिए बुलाया। पीड़िता अपनी सगी बहन और चचेरे भाई के साथ उससे मिलने गई। आरोपी ने चालाकी से उन सभी को अपने एलपी ट्रक में ही रुकने के लिए कहा। रात के समय आरोपी ने पीड़िता की इच्छा के विरुद्ध उसके साथ दुर्व्यवहार किया।
बहन-भाई को उतारकर पीड़िता को ले गया था साथ
अगली सुबह आरोपी ने पीड़िता की बहन और भाई को करछम में ट्रक से उतार दिया और पीड़िता को जबरन अपने साथ रामपुर की तरफ ले गया। जब बच्चे घर नहीं लौटे तो घबराए हुए माता-पिता ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस के साथ मिलकर बच्चों की तलाश करते हुए वे भावानगर पहुंचे, जहां पीड़िता आरोपी ट्रक ड्राइवर के साथ मिली।
17 गवाहों और वैज्ञानिक सबूतों से सिद्ध हुआ अपराध
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कर जांच शुरू की और चालान अदालत में पेश किया। इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में अभियोजन पक्ष ने कुल 17 गवाहों के बयान दर्ज करवाए। पीड़िता के बयान, अन्य गवाहों की गवाही और साइंटिफिक एविडैंस (वैज्ञानिक साक्ष्यों) के आधार पर आरोपी इरफान अली पर नाबालिग से दुष्कर्म करने का आरोप संदेह से परे सिद्ध हुआ। अदालत ने सभी सबूतों और दलीलों को सुनने के बाद आरोपी को उक्त सजा सुनाई। सरकार की तरफ से इस मुकद्दमे की पैरवी उप-जिला न्यायवादी कमल चन्देल ने की।