Himachal: गोबिंद सागर झील में क्रूज शेप्ड मोटरबोट व शिकारे के बाद अब पर्यटक उठा सकेंगे पैरासेलिंग का आनंद

Edited By Vijay, Updated: 27 Nov, 2024 01:12 PM

tourists will now be able to enjoy parasailing in gobind sagar lake

गोबिंद सागर झील में क्रूज शेप्ड मोटरबोट व शिकारे के बाद अब पर्यटक व स्थानीय लोग पैरासेलिंग का आनंद भी उठा सकेंगे। जिला प्रशासन ने दिल्ली की एक कंपनी को...

बिलासपुर (बंशीधर): गोबिंद सागर झील में क्रूज शेप्ड मोटरबोट व शिकारे के बाद अब पर्यटक व स्थानीय लोग पैरासेलिंग का आनंद भी उठा सकेंगे। जिला प्रशासन ने दिल्ली की एक कंपनी को गोबिंद सागर झील में ट्रायल के तौर पर पैरासेलिंग शुरू करने के लिए आमंत्रित किया है। जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा गोबिंद सागर झील में वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों के तहत क्रूज शेप्ड मोटरबोट व शिकारे शुरू किए हैं। इसी कड़ी में अब जिला प्रशासन द्वारा गोबिंद सागर में पैरासेलिंग शुरू की जा रही है। इसके लिए जिला प्रशासन ने दिल्ली  की एक कंपनी को बुलाया है। संबंधित कंपनी द्वारा झील में दो महीने तक ट्रायल के तौर पर पैरासेलिंग की गतिविधियां शुरू की जाएंगी।

28 नवम्बर को बिलासपुर पहुंचेगी पैरासेलिंग बोट  
जिला प्रशासन ने गत दिवस ही संबंधित कंंपनी को जिला स्तरीय रैगुलेशन कमेटी ने अनुमति प्रदान की है। बिलासपुर जिला के मंडी-भराड़ी क्षेत्र में इसका संचालन किया जाएगा। इस तरह की एक्टीविटी शुरू करने वाला बिलासपुर जिला नाॅर्थ इंडिया का पहला जिला बनने जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो 28 नवम्बर को यह पैरासेलिंग बोट बिलासपुर में पहुंच जाएगी। दो माह के लिए बिलासपुर की गोबिंद सागर झील में इसको ट्रायल बेस पर शुरू किया जा रहा है। दो माह के बाद इसको प्रशासन और पर्यटन विभाग की टैक्नीकल कमेटी अंतिम मंजूरी प्रदान करेगी और उसके बाद परमिट जारी किया जाएगा। करीब डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से यह बोट बिलासपुर लाया जा रहा है। बता दें कि बिलासपुर जिले में वर्तमान वाटर टूरिज्म पर काम चल रहा है। गोबिंद सागर झील में क्रूज शेप्ड मोटरबोट, शिकारा और अन्य जलक्रीड़ा गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं, जिनका शुभारंभ मुख्यमंत्री ने गत 28 अक्तूबर को किया था।  

ट्रायल के तौर पर शुरू की जा रही पैरासेलिंग गतिविधियां : डीसी
डीसी बिलासपुर आबिद हुसैन सदिक ने बताया कि गोबिंद सागर में ट्रायल के तौर पर पैरासेलिंग गतिविधियां शुरू की जा रही हैं। इसके लिए दिल्ली की एक कंपनी को अधिगृहीत किया गया है। यदि ट्रायल सफल रहा तो दो महीने बाद जिला स्तर पर बनी रैगुलेशन कमेटी द्वारा तकनीकी मंजूरी प्रदान करके परमिट जारी किया जाएगा। जिला को वाटर स्पोर्ट्स हब बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
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