Edited By Punjab Kesari, Updated: 09 Sep, 2017 11:50 AM
सरकारी योजनाएं तभी लागू होती हैं जब सरकारी कर्मचारी उन्हें जमीनी स्तर पर सही ढंग से लागू करते हैं
मंडी (नीरज)- सरकारी योजनाएं तभी लागू होती हैं जब सरकारी कर्मचारी उन्हें जमीनी स्तर पर सही ढंग से लागू करते हैं। भारत सरकार के खसरा-रूबेला से निपटारे को लेकर चलाए गए टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए तीन महिला कर्मचारियों ने गजब का साहस दिखाया। मामला मंडी जिला की सराज घाटी के दुर्गम इलाके शिकारी देवी के जंगलों का है। शिकारी देवी के जंगलों का इलाका स्वास्थ्य उप केंद्र शंकर देहरा के तहत आता है और इन दिनों यहां पर घुमंतू गुज्जर रह रहे हैं। घुमंतू गुज्जरों के बच्चों को भी टीका लगाना था तो इसलिए तीनों महिला कर्मचारियों ने घने जंगलों में जाकर टीकाकरण की सोच ली।
फिमेल हेल्थ वर्कर गीता वर्मा, आशा वर्कर गीता भाटिया और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रेमलता भाटिया टीकाकरण के लिए जंगलों की ओर रवाना हो गई। हालांकि शिकारी देवी के लिए कच्ची सड़क है लेकिन अधिकतर घुमंतू परिवारों तक पहुंचने के लिए अधिकतर पगडंडियों का सहारा लेना पड़ा। गीता वर्मा बाइक चला लेती हैं इसलिए उन्होंने बाइक एक अन्य महिला कर्मी को पीछे बैठाकर बाइक पर ही अपना सफर शुरू कर दिया जबकि एक अन्य महिला कर्मी अपने पति के साथ स्कूटर पर टीकाकरण करने रवाना हो गई।
घने जंगलों में पगडंडियों पर बाइक चलाते हुए यह तीनों महिला कर्मचारी घुमंतू लोगों के पास पहुंची और उनके बच्चों को टीके लगाए। यहां पर इन्होंने टीकाकरण के फोटो भी खिंचे। इसके बाद यह फोटो वायरल हो गए और हर कोई महिला कर्मचारियों के हौंसले की तारीफ कर रहा है। महिला कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने अपने दायित्व का निर्वहान किया है और बच्चों को टीकाकरण का लाभ पहुंचाया है।