Solan: शूलिनी मेले के दूसरे दिन महाभारत काल से जुड़े इस खेल ने बांधा समां, कुश्ती प्रतियोगिता भी शुरू

Edited By Vijay, Updated: 22 Jun, 2024 06:36 PM

thoda game enthralled the audience on second day of shoolini fair

राज्य स्तरीय मां शूलिनी मेले के दूसरे दिन हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। सुबह से ही ठोडो मैदान में लोग पहुंचना शुरू हो गए थे। ठोडो मैदान में विभिन्न तरह के झूले लगाए गए हैं। मेले के दूसरे दिन शनिवार को प्राचीन खेल ठोडा का आयोजन ऐतिहासिक ठोडो मेला...

सोलन (रवीन्द्र): राज्य स्तरीय मां शूलिनी मेले के दूसरे दिन हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। सुबह से ही ठोडो मैदान में लोग पहुंचना शुरू हो गए थे। ठोडो मैदान में विभिन्न तरह के झूले लगाए गए हैं। मेले के दूसरे दिन शनिवार को प्राचीन खेल ठोडा का आयोजन ऐतिहासिक ठोडो मेला मैदान में किया गया। शाठा-पाशा दलों में होने वाले तीरअंदाजी के इस रोचक एवं प्राचीन खेल का जुड़ाव महाभारत कालीन कौरवों एवं पांडवों से माना गया है। इस वर्ष ठोडा खेल में चार दलों ने भाग लिया। इनमें ठोडा दल डरोल-ठियोग, कोटी-टिब्बा (सिरमौर), किशोर (ठियोग) तथा पाशी ठोडा दल दंवा (क्योंथल) शामिल हैं। इसके अतिरिक्त वाद्य यंत्र दल सिरमौर भी इसमें सहभागिता जता रहा है। वहीं शनिवार को संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने विभिन्न प्रतियोगिताओं का शुभारंभ किया। उन्होंने मेला मैदान में अखाड़ा पूजन कर दंगल का शुभारंभ किया। खेल आयोजन समिति की ओर से पुलिस अधीक्षक सोलन गौरव सिंह द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया। जिला प्रशासन तथा शूलिनी मेला कमेटी द्वारा चित्रकला प्रतियोगिता भाषा एवं संस्कृति विभाग के कला केन्द्र कोठो में आयोजित की गई। प्रतियोगिता में 30 विद्यालयों एवं प्रशिक्षण संस्थानों के लगभग 150 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
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नौणी विश्वविद्यालय की प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केन्द्र
मेला मैदान में डाॅ. यशवंत सिंह परमार उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय के दोनों महाविद्यालयों के विभिन्न विभागों द्वारा अपने उत्पादों एवं वैज्ञानिक तकनीकी को प्रदर्शित किया गया है। नौणी विश्वविद्यालय के संयुक्त निदेशक, विस्तार शिक्षा डाॅ. अनिल सूद ने बताया कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक किसानों, बागवानों व अन्य लोगों की शंकाओं का निवारण भी मौके पर ही कर रहे हैं। प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण फूलों की विभिन्न प्रजातियां, फल, सब्जियां व औषधीय पौधे इत्यादि हैं। इसके अलावा एड्स कंट्रोल सोसायटी, स्वास्थ्य विभाग, सौर ऊर्जा, राज्य विद्युत बोर्ड, बीएसएनएल, उद्यान व कृषि विभाग ने भी प्रदर्शनियां लगाई हैं। मेले में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों ने भी स्टाल लगाए थे। इनमें जिले के सोलन, धर्मपुर, कंडाघाट, कुनिहार व नालागढ़ के स्वयं सहायता समूहों ने अचार, ऊनी वस्त्र, स्वैटर, बच्चों के कपड़े, बैग, जूट उत्पाद, मसाले आदि बिक्री के लिए रखे हुए थे। स्टाल पर लोगों ने इन उत्पादों की खरीददारी की। मेले में एनसीसी व एनएसएस के स्वयंसेवी भी योगदान दे रहे हैं। ये सभी छात्र राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (छात्र) व अन्य सोलन के स्कूल के हैं। मेला कमेटी द्वारा इन छात्रों की तैनाती मालरोड समेत शहर में जहां भी भंडारों का आयोजन किया जा रहा है वहां पर व्यवस्था बनाने के लिए की गई है।
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झाझा के गगनदीप ने जीता फ्लावर ऑफ द शो पुरस्कार
शूलिनी मेले में उद्यान विभाग सोलन द्वारा नगर निगम सोलन के परिसर में इन्नरव्हील क्लब सोलन सिटी के सौजन्य से फ्लावर शो का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उद्यान विभाग से डा. शिवाली ठाकुर ने की। इस पुष्प प्रदर्शनी में सोलन जिले के विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने विभिन्न श्रेणियों में अपनी सहभागिता दर्ज करवाई। आयोजन के दौरान गमले में उगाए जाने वाले फूलों, पुष्प प्रबंधन व नारा लेखन श्रेणी में विद्यार्थियों ने भाग लिया। फ्लावर शो प्लांट श्रेणी में स्थानीय लोगों तथा कट फ्लावर श्रेणी में पुष्प उत्पादकों द्वारा अपनी सहभागिता जताई गई। फ्लावर ऑफ द शो का पुरस्कार झाझा गांव के गगनदीप को लीलियम फूल की उत्कृष्ट किस्म के लिए दिया गया। कार्यक्रम में नौणी विश्वविद्यालय की वैज्ञानिक डा. सुमन भाटिया और पुष्प विशेषज्ञ दुर्लभ पुरी भी उपस्थित थे।
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