Edited By Vijay, Updated: 30 Apr, 2022 06:34 PM
समाजसेवा के अनेकों तरीके हैं लेकिन रक्तदान जैसा कोई तरीका नहीं है। जिला के एक उच्च अधिकारी इस तथ्य को साबित भी करते हैं। वह युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनकर सामने आए हैं। हम बात कर रहे हैं जिला के डाईट संस्थान के प्रधानाचार्य देवेंद्र सिंह चौहान...
ऊना (अमित): समाजसेवा के अनेकों तरीके हैं लेकिन रक्तदान जैसा कोई तरीका नहीं है। जिला के एक उच्च अधिकारी इस तथ्य को साबित भी करते हैं। वह युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनकर सामने आए हैं। हम बात कर रहे हैं जिला के डाईट संस्थान के प्रधानाचार्य देवेंद्र सिंह चौहान की, जिन्होंने शनिवार को रक्तदान करते हुए एक और पायदान हासिल किया। वह तक 103 बार रक्तदान करते हुए एक बड़ा कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। रक्तदान के इस अभियान को देवेंद्र चौहान आगे भी जारी रखने की वचनबद्धता दोहराते हैं।
वर्ष 1991 में धर्मशाला में बीएड करते हुए रक्तदान के क्षेत्र में पदार्पण करने वाले देवेंद्र सिंह चौहान न केवल वर्ष में 4 बार रक्तदान करते हैं बल्कि युवाओं को भी सदैव प्रेरित करते हुए इस महादान के लिए आगे आने का आह्वान करते हैं ताकि खून की कमी के चलते किसी भी जिंदगी को नुक्सान न हो। देवेंद्र सिंह चौहान कहते हैं न तो कभी कोई कमजोरी महसूस हुई और न ही किसी प्रकार की कोई विकृति पैदा हुई अपितु रक्तदान करके एक सुकून अवश्य मिलता है।
वहीं सीएमओ ऊना डॉ. मंजू बहल ने देवेंद्र सिंह चौहान के रक्तदान के अभियान को समाज के लिए सार्थक बताया। उन्होंने कहा कि यदि एक अधिकारी समाज को इस तरह का संदेश देता है तो पीड़ित मानवता की सेवा में आगे आने के लिए युवाओं की भी हौसला अफजाई होती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग भी लोगों को रक्तदान के प्रति सचेत करने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है, जिसका नतीजा यह है कि आज के समय में जिलाभर में कई संस्थाएं स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए रक्तदान शिविरों का आयोजन कर रही हैं। इसके चलते कोविड-19 जैसी महामारी के दौर में भी जिला के ब्लड बैंक में रक्त की कमी कमी नहीं आने पाई।
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