हिमाचल के इन 8 शहरों में सांस लेने लायक नहीं थी हवा, जानिए क्या था RSPM का स्तर

Edited By Ekta, Updated: 13 Nov, 2018 09:04 AM

these 8 cities of himachal were not fit to breathe in air

हिमाचल के ज्यादातर शहरों में लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को धत्ता बताते हुए जमकर पटाखे फोड़े हैं। इससे दीवाली वाले दिन प्रदेश की हवाओं में भी खूब जहर घुला है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 शहरों में एयर क्वालिटी की जांच में पता चला है...

शिमला (हेटा): हिमाचल के ज्यादातर शहरों में लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को धत्ता बताते हुए जमकर पटाखे फोड़े हैं। इससे दीवाली वाले दिन प्रदेश की हवाओं में भी खूब जहर घुला है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 शहरों में एयर क्वालिटी की जांच में पता चला है कि 8 शहरों में रेस्पीरेबल सस्पैंडिड पर्टिकुलेट मैटर (आर.एस.पी.एम.) का स्तर सामान्य से अधिक रहा है। इस दिन बद्दी में आर.एस.पी.एम. का स्तर सबसे ज्यादा 248 माइक्रो ग्राम तक पहुंचा है जबकि सामान्य तौर पर यह 100 से ज्यादा नहीं होना चाहिए। हैरानी इस बात की है कि दीवाली से एक दिन पहले बद्दी, नालागढ़ और मनाली केवल 3 ही शहरों का आर.एस.पी.एम. लेवल सामान्य से ज्यादा था लेकिन दीवाली वाले दिन 8 शहरों की हवा सांस लेने लायक नहीं बची। 

रिपोर्ट के मुताबिक परवाणु (सैक्टर-4), धर्मशाला (दाड़ी), पांवटा-साहब (वाई. प्वाइंट), ऊना (आर.), सुंदरनगर (बी.बी.एम.बी. कालोनी), बद्दी (हाऊसिंग बोर्ड), एम.सी. नालागढ़ और मनाली (नेहरू पार्क) में भी आर.एस.पी.एम. लेवल खतरनाक स्तर को पार कर गया है। अच्छी बात यह है कि शिमला और कालाअंब में साल 2017 की दीवाली की तुलना में इस बार कम प्रदूषण आंका गया है। इन दोनों शहरों के लोगों ने कम पटाखे फोड़कर जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना की है, वहीं पर्यावरण प्रदूषण रोकने की दिशा में अपनी जागरूकता का भी परिचय दिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली से 7 दिन पहले, दीवाली वाले दिन और दीवाली के 7 दिन बाद की रिपोर्ट मांग रखी है। ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देनी होगी।

दीवाली वाले दिन व एक दिन पहले आर.एस.पी.एम. का स्तर माइक्रो ग्राम में
शहर                1 दिन पहले         दीवाली पर
शिमला              53.3                  76
परवाणु              53.66                171
धर्मशाला            67                     112
डमटाल             57                       74
कालाअंब           57                     86.9
ऊना                 72.5                  102.6
पांवटा साहब      70.7                  104.1
सुंदरनगर           64                    144
बद्दी                  187                   248
नालागढ़            171                  221
 मनाली            194.17              207.48

क्या होता है आर.एस.पी.एम.?
आर.एस.पी.एम. हवा में मौजूद बहुत से जहरीले कणों को मापने का जरिया है। आर.एस.पी.एम. का लेवल 100 से अधिक नहीं होना चाहिए। ऐसा होने से इंसानों के फेफड़ों में दुष्प्रभाव पड़ता है। वायुमंडल में घुलने वाली जहरीली हवाएं सांस के साथ गले, श्वास नली और फेफड़ों तक पहुंच सकती हैं। इससे खासकर अस्थमा और सांस रोगों की शुरूआत होने का भय रहता है। धूल के कारण चर्म रोग और आंखों में जलन भी हो सकती है।

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