Edited By prashant sharma, Updated: 06 Jun, 2020 04:22 PM
इससे बड़ी प्रशासनिक लापरवाही और क्या हो सकती है जब रेल के माध्यम से मुंबई रेड जोन से उना तक का सफर करने वाले एक व्यक्ति ( भूतपूर्व सैनिक) को एचआरटीसी की ऊना-शिमला साधारण सवारियों से भरी बस में बैठने की इजाजत दे दी
रिवालसर : इससे बड़ी प्रशासनिक लापरवाही और क्या हो सकती है जब रेल के माध्यम से मुंबई रेड जोन से उना तक का सफर करने वाले एक व्यक्ति ( भूतपूर्व सैनिक) को एचआरटीसी की ऊना-शिमला साधारण सवारियों से भरी बस में बैठने की इजाजत दे दी और जिसमें बैठकर वह भोटा तक आया। जहां से वह टैक्सी के माध्यम से रिवालसर बस स्टॉप तक पहुंच गया। जहां एक ढाबे में खाना खाने के बाद वह बस में बैठा तो परिचालक के पूछने पर जैसे ही उसने अपने सफर की जानकारी दी तो नैना देवी-रिवालसर-मंडी रूट पर दौड़ने वाली एचआरटीसी बस में बैठी सवारियों के साथ बस के चालक व परिचालक में इस बात का हड़कंप मच गया कि उनकी बस में एक ऐसी सवारी बैठ गई जो महाराष्ट्र के रेड जोन मुंबई से अपने घर मंडी स्थित तल्याहड़ जा रही है। इस बात का पता चलते ही बस चालक व परिचालक ने बस को रिवालसर बस स्टॉप पर ही खड़ा कर उसे आगे ले जाने से मना कर दिया।
कोरोना वायरस संक्रमण खौफ के चलते बस में बैठी सवारियों ने भी बस से उतने में ही अपनी भलाई समझी। बस परिचालक ने अपने उच्च अधिकारियों को जब यह सूचना दी तो उन्होंने बस को आगामी कार्रवाई तक रिवालसर बस स्टॉप में रुकने को कहा। जहां करीब दो घण्टे तक बस खड़ी रही। इस दौरान सवारियों को भारी परेशानियों से गुजरना पड़ा। नायब तहसीलदार रिवालसर व स्थानीय पुलिस प्रशासन ने मौके पर आकर व्यक्ति से पूरी जानकारी जुटाने के बाद उसे टैक्सी के माध्यम से मंडी के लिए रवाना कर दिया है। व्यक्ति ने यह भी जानकारी दी है कि उसके साथ दिल्ली का एक अन्य व्यक्ति भी साथ आया है जो अंबला गल्लू लेदा क्षेत्र से संबंधित है वही लोग उसे रिवालसर तक छोड़ कर गये हैं।
नायब तहसीलदार रिवालसर डॉक्टर आशीष शर्मा ने बताया कि बस में बैठी सवारियों की जानकारी जुटाई जा रही है। व्यक्ति को टैक्सी के माध्यम से मंडी संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर में रहने की हिदायत देते हुए भेज दिया है। इसके साथ बस को सेनिटाइजर करने के बाद उसमें सवारियां बैठाकर रवाना कर दिया है। वहीं मुबई से आए व्यक्ति का कहना है कि हमें ऊना में प्रशासनिक अधिकारियों ने यह कहकर साधारण बस से जाने को कहा कि दो तीन व्यक्तियों के लिए स्पेशल गाड़ी का प्रबंध नहीं किया जा सकता है। भूतपूर्व सैनिक का कहना है कि उसे ऊना में प्रशासनिक अधिकारियों ने जो बताया उन्हीं का अनुसरण करते हुए वह आया है।