Edited By Jyoti M, Updated: 10 Sep, 2025 03:20 PM

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के निरमंड क्षेत्र में एक दुखद घटना सामने आई थी। यहां के शमारनी गांव में हुए भूस्खलन में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई थी। यह हादसा सोमवार की रात करीब डेढ़ बजे हुआ, जब पहाड़ी से मलबा अचानक घर पर आ गिरा। इस...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के निरमंड क्षेत्र में एक दुखद घटना सामने आई थी। यहां के शमारनी गांव में हुए भूस्खलन में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई थी। यह हादसा सोमवार की रात करीब डेढ़ बजे हुआ, जब पहाड़ी से मलबा अचानक घर पर आ गिरा। इस त्रासदी ने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है।
हादसे में मरने वालों में 50 वर्षीय ब्रेसती देवी (पत्नी शिव राम), उनके 32 वर्षीय बेटे चुन्नी लाल, 25 वर्षीय बहू अंजू देवी और उनके दो छोटे बच्चे—5 साल का भूपेश और 8 साल की जागृति शामिल हैं। ये सभी लोग एक साथ सो रहे थे जब ये हादसा हुआ। भूस्खलन की चपेट में परिवार के कुल आठ सदस्य आए थे, जिनमें से पांच की मौके पर ही मौत हो गई।
मंगलवार को राहत और बचाव दल ने कड़ी मशक्कत के बाद मलबे से शवों को बाहर निकाला। पूरा गांव इस मंजर को देखकर स्तब्ध था। दो दिनों तक गांव में सन्नाटा पसरा रहा और सिर्फ रोने-चीखने की आवाजें सुनाई दे रही थीं। इस दुखद घड़ी में किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला। हर कोई इस परिवार के दुख में शामिल था।
बुधवार को, यानि आज पांचों शवों को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाया गया। एक ही घर से पांच अर्थियां उठते देख हर आंख नम हो गई। हादसे में घायल हुए शिव राम के बेटे श्याम लाल ने सभी शवों को मुखाग्नि दी, जो परिवार के लिए और भी पीड़ादायक क्षण था।
इस हादसे में तीन अन्य लोग घायल भी हुए हैं, जिनका नाम शिव राम (52 वर्ष), धर्म दास (48 वर्ष) और कला देवी (45 वर्ष) है। इन घायलों को इलाज के लिए रामपुर के खनेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वे खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं, लेकिन शारीरिक और मानसिक रूप से गहरे आघात में हैं।
घाटू पंचायत के प्रधान भोगाराम ने बताया कि इस दुखद घटना से पूरा गांव शोक में डूबा है। गांव के लोग पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने और इस मुश्किल समय में उनकी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशासन ने भी पीड़ित परिवार को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। यह हादसा एक बार फिर पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा पर सवाल उठाता है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि भूस्खलन जैसे प्राकृतिक आपदाएं कितने विनाशकारी हो सकते हैं।