Edited By Rahul Singh, Updated: 26 Aug, 2024 02:26 PM
सुलह विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बच्छवाई के गांव बूला मांझा वार्ड नंबर 4 में 13 अगस्त, 2023 को भारी बारिश के चलते 9 परिवारों के मकान देखते ही देखते धराशायी हो गए थे, जिससे पीड़ित बेघर हो गए थे। उस समय वहां पर राजनेताओं से लेकर...
थुरल, (जम्वाल): सुलह विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बच्छवाई के गांव बूला मांझा वार्ड नंबर 4 में 13 अगस्त, 2023 को भारी बारिश के चलते 9 परिवारों के मकान देखते ही देखते धराशायी हो गए थे, जिससे पीड़ित बेघर हो गए थे। उस समय वहां पर राजनेताओं से लेकर प्रशासन के अधिकारी पहुंचे और पीड़ितों को सांत्वना देने के साथ ऐसे वायदे किए कि सरकार उन्हें जहाँ चाहेंगे, घर बना कर देगी। पीड़ित परिवारों में प्रीतम चंद पुत्र जौंफी राम, सुरजीत कुमार पुत्र प्रीतम चंद, पूर्ण चंद पुत्र आँफी राम, सुनील कुमार पुत्र प्रीतम चंद, मुल्ख राज पुत्र रोशन लाल और सुरेश कुमार पुत्र रोशन लाल के मकान अभी तक नहीं बने हैं। मनी राम, अनूप कुमार व सुनील कुमार के ही मकान बन पाए हैं।
पीड़ित लोगों ने बताया कि अब एक साल बीत जाने के बाद भी वे मकान निर्माण के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। के विधायक विपिन परमार और विभाग अधिकारियों के चक्कर भी काट रहे हैं, लेकिन आश्वासनों के सिवा उन्हें कुछ नहीं मिला है। पीड़ित परिवारों ने बताया कि यहां पर मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ने भी दौरा कर मौके पर बताया था कि जहां पर पीड़ित लोग अस्थायी शिविर में रह रहे हैं, वहीं पर इन्हें मकान निर्माण के लिए जमीन दे दी जाएगी। पीड़ित परिवारों ने रोष में बताया कि वे वर्तमान में लोगों के घरों में रह रहे हैं, उन्होंने भी खाली करने के लिए कह दिया है, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ जाएगी।
पीड़ित परिवारों ने बताया कि पटवारी व कानूनगो मौके पर आए थे। जब उन्होंने वह समय जमीन देखी तो उन्होंने बताया कि आप लोगों को खसरा नंबर 223 ग्राम पंचायत बच्छवाई बूला मांझा में ही घर निर्माण के लिए जमीन दी जाएगी। पीड़ित लोगों ने बताया है कि जहां सरकार घर बनाने के लिए जमीन दे रही है, वह जमीन सुनसान है तथा वहां श्मशानघाट भी है। पीड़ित लोगों ने स्पष्ट किया है कि जहां पर उनके शिविर लगे थे, उसी स्थान पर उन्हें घर निर्माण के लिए जगह दी जाए। ग्राम पंचायत बच्छवाई के प्रधान देशराज ने कहा कि उक्त परिवारों को डी. सी. लैंड दे दी गई है, लेकिन वहां पर जाने के लिए ये लोग तैयार नहीं हैं।