Edited By Vijay, Updated: 13 Jun, 2024 11:38 PM
सुंदरनगर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए घुमारवीं के युवक की नेरचौक मेडिकल काॅलेज में मौत हो गई है, जिस पर मृतक के परिजनों ने पुलिस पर सवाल उठाए हैं।
नेरचौक (हरीश): सुंदरनगर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए घुमारवीं के युवक की नेरचौक मेडिकल काॅलेज में मौत हो गई है, जिस पर मृतक के परिजनों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। मृतक के पिता जीत सिंह का कहना है कि उसके बेटे बेअंत सिंह को ढूंढने के लिए सुंदरनगर पुलिस बुधवार सुबह उनके गांव बड़ौटा हार कूकार, तहसील घुमारवीं, जिला बिलासपुर गाड़ी लेकर आई थी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो बेअंत सिंह घर पर नहीं था। इस पर हमने पुलिस को लिखित दिया कि जब भी उनका बेटा घर आता है तो उसे वे सुंदरनगर थाना स्वयं लेकर आ जाएंगे। जीत सिंह ने कहा कि पुलिस का दोपहर बाद फोन आया कि आपके लड़के को हमने उठा लिया है और आप सुंदरनगर थाना आ जाओ। इसके बाद जब वे शाम के समय सुंदरनगर थाना पहुंचे तो बेअंत सिंह पुलिस हिरासत में था।
पुलिस ने उसकी तलाशी लेकर उसका पूरा सामान निकाल लिया और जो पैसे थे, वे हमें दे दिए। जीत सिंह ने आरोप लगाया कि हम रात को ही अपने घर घुमारवीं चले गए और सुबह करीब 5 बजकर 45 मिनट पर सुंदरनगर पुलिस के सहायक निरीक्षक एचआर शर्मा का फोन उसके भाई के मोबाइल पर आया और कहा कि बेअंत की तबीयत बहुत खराब है और हम उसे मेडिकल काॅलेज नेरचौक लेकर जा रहे हैं और आप भी वहां पहुंच जाओ। जीत राम ने आरोप लगाए हैं कि जब हम नेरचौक मेडिकल काॅलेज पहुंचे तो बेअंत सिंह छटपटा रहा था। हमने उसके साथ बात करने की भी कोशिश की लेकिन वह बात तक नहीं कर पाया। इसी दौरान डाॅक्टर ने उन्हें बताया कि बेअंत सिंह ने जहर का सेवन किया है और इसका बच पाना मुश्किल है।
थोड़ी देर में चिकित्सकों द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया। मृतक के भाई सुच्चा सिंह तथा पिता जीत राम का कहना है कि हमें यह बात समझ नहीं आ रही है कि जब पुलिस ने उसका सारा सामान ले लिया था तो उसके पास जहर कहां से आया। जीत राम ने बताया कि पुलिस का कहना था कि गांव फफलानी सुंदरनगर की एक महिला ने शिकायत दर्ज करवाई थी, जिस कारण उसे धारा 376 के तहत हिरासत में लिया गया था। परिजनों का आरोप है कि मृतक बेअंत सिंह का शाम 5 बजे तक न तो शव दिया गया, न ही सुंदरनगर पुलिस की कोई टीम पहुंची और न ही पोस्टमार्टम हुआ। डीएसपी सुंदरनगर प्रशांत भूषण ने बताया कि यह न्यायिक मामला है और हमने इसे आगे भेज दिया है। इस पर अभी कुछ भी बात नहीं कर सकते।
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