बॉर्डर पर बह रहे सैकड़ों हिमाचलियों के आंसू देख हर किसी का पसीज रहा मन

Edited By kirti, Updated: 30 Mar, 2020 12:00 PM

tears of hundreds of himachalis flowing across the border

अपने ही प्रदेश में बेगाने हुए लोग, आंसूओं का सैलाब लेकर बॉर्डर पर पत्थराई आंखों से देख रहे हैं कि आखिर कब उन्हें घर जाने दिया जाएगा। कोरोना महामारी ने ऐसा संकट पैदा कर दिया कि अपने ही अपनों से बेगाने हो गए। जैसे तैसे देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे...

ऊना (सुरेन्द्र): अपने ही प्रदेश में बेगाने हुए लोग, आंसूओं का सैलाब लेकर बॉर्डर पर पत्थराई आंखों से देख रहे हैं कि आखिर कब उन्हें घर जाने दिया जाएगा। कोरोना महामारी ने ऐसा संकट पैदा कर दिया कि अपने ही अपनों से बेगाने हो गए। जैसे तैसे देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोग अपने घर आने के लिए बार्डर पर पहुचं रहे हैं तो कायदे कानूनों की दीवार उन्हें बार्डर लांघने नहीं दे रही है। बदतर हालत में बच्चे देख रहे कि उस पार हमारा घर है लेकिन उन्हें वहां जाने नहीं दिया जा रहा है। डर यह है कि यदि पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया तो फिर जांच के बाद न जाने किस होम क्वारंटाइन सैंटर में उन्हें 14 दिन की जेल भुगतनी पड़ेगी।

मारामारी पड़ी है और सैकड़ों की तादाद में लोग बार्डर पर पहुंच रहे हैं। अधिकतर लोगों को सोमवार को पकड़ कर चिकित्सीय जांच के बाद क्वारंटाइन सेंटरों में भेजा गया। प्रदेश के प्रवेशद्वार मैहतपुर में चंडीगढ़ से निकला परिवार उम्मीद में था कि वह अपने जिला हमीरपुर के गांव चौलथरा पहुंच जाएगा। लेकिन बार्डर पर रोक लिया गया है। 2 छोटे बच्चे हैं और उनकी मां की आंखों के आंसू थम नहीं रहे। घर में दादा काफी बीमार हैं। अपने ही प्रदेश में बेगाने हुए छोटे बच्चे समझ नहीं पा रहे कि आखिर यह क्या दौर आ गया। सडक़ पर बैठे बच्चे हर परिस्थिति को देखकर हैरान हो रहे हैं।

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