Edited By Vijay, Updated: 21 Apr, 2021 12:28 AM
कोरोना महामारी के चलते पर्यटन उद्योग से जुड़ा टैक्सी कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। जहां टैक्सी ऑप्रेटरों को सरकार से राहत की आस थी, वहीं उनकी उम्मीदों के विपरीत सरकार ने पैसेंजर टैक्स, नैशनल परमिट, ग्रीन टैक्स, व्हीकल इंश्योरैंस व गाड़ियाें...
रिवालसर (ब्यूरो): कोरोना महामारी के चलते पर्यटन उद्योग से जुड़ा टैक्सी कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। जहां टैक्सी ऑप्रेटरों को सरकार से राहत की आस थी, वहीं उनकी उम्मीदों के विपरीत सरकार ने पैसेंजर टैक्स, नैशनल परमिट, ग्रीन टैक्स, व्हीकल इंश्योरैंस व गाड़ियाें के चालान आदि कई तरह के लगने वाले शुल्कों पर कई गुना बढ़ौतरी कर उनकी आशाओं पर पानी फेर दिया है। रिवालसर में आयोजित जिला मंडी टैक्सी एकता संगठन की बैठक में जिला की करीब 15 टैक्सी यूनियनों के दर्जनों प्रतिनिधियों ने भाग लेकर मोटर वाहन अधिनियम के तहत इस भारी वृद्धि का कड़ा विरोध किया तथा केंद्र व प्रदेश सरकार से कहा कि बीते डेढ़ वर्ष से कोरोना महामारी के चलते उनके काम धंधे-ठप्प हो गए हैं। गाड़ियाें की बैंक किस्तें देना तथा अपने परिवार का गुजारा करना मुश्किल हो गया है लेकिन सरकार ने उनकी ऐसी कौन-सी आय बढ़ती हुई देख ली कि 500 रुपएका परमिट 25,000 व 750 रुपए वाला 75,000 रुपए करने का फैसला ले लिया।
संगठन के अध्यक्ष सुनील बरवाल ने कहा है कि सरकार उनकी समस्याओं के समाधान के निवारण को लेकर बातचीत के लिए समय निकाले। अगर उनकी मांगों व समस्याओं का सरकार समाधान नहीं करेगी तो उन्हें मजबूरन विरोध का रास्ता अपनाना पड़ेगा, जिसमें वे अपनी गाड़ियाें को सड़कों पर खड़ा कर उनकी चाबियां संबंधित विभाग को सौंप देंगे। बरवाल ने कहा कि टैक्सी आप्रेटर अपने परिवारों सहित सड़कों पर सरकार के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। इस मौके पर पवन कुमार, प्रधान महेंद्र गुलेरिया, विजय, जीत सिंह, प्रवीण, राकेश, मेहर सिंह, अश्विनी, मनोज, कटोच व चूड़ामणि आदि मौजूद रहे।