Chamba: मेडिकल कॉलेज चम्बा में पहली बार हाइडेटिड सिस्ट का सफल ऑप्रेशन, महिला के पेट से निकाले 6 टुकड़े

Edited By Vijay, Updated: 04 Dec, 2024 11:51 PM

successful operation of hydatid cyst in medical college chamba

मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल चम्बा में हाइडेटिड सिस्ट का सफल ऑप्रेशन हुआ। सर्जरी विभाग की टीम ने 50 वर्षीय महिला के पेट से करीब 3 किलो हाइडेटिड सिस्ट निकालने में सफलता हासिल की है। पहली बार जिले में इस तरह का ऑप्रेशन किया गया है।

चम्बा (काकू चौहान): मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल चम्बा में हाइडेटिड सिस्ट का सफल ऑप्रेशन हुआ। सर्जरी विभाग की टीम ने 50 वर्षीय महिला के पेट से करीब 3 किलो हाइडेटिड सिस्ट निकालने में सफलता हासिल की है। पहली बार जिले में इस तरह का ऑप्रेशन किया गया है। यह जिलावासियों के लिए राहत की खबर है। सर्जन डॉ. अरविंद और डॉ. रोहित ने बताया कि हाइडेटिड सिस्ट अक्सर लंग्स, लिवर, ब्रेन और हड्डियों में पाई जाती है। पेट में हाइडेटिड सिस्ट केवल 2 प्रतिशत लोगों में ही पाई जाती है। 

1 किलो 400 ग्राम का था सबसे बड़ा टुकड़ा
चम्बा शहर की रहने वाली यह महिला काफी समय से इस बीमारी से जूझ रही थी। महिला को कुछ वर्षों से पेट दर्द, भूख कम लगना, कब्ज और पेट फूलने की समस्या थी। कुछ दिन पहले वह चिकित्सीय परामर्श के लिए मेडिकल काॅलेज चम्बा पहुंची। उसे अल्ट्रासाऊंड, सिटी स्कैन आदि टैस्ट करवाने की सलाह दी गई। टैस्ट में महिला के पेट में हाइडेटिड सिस्ट पाई गई। इसके चलते डॉ. अरविंद और डॉ. रोहित ने अपनी टीम के साथ ऑप्रेशन करने का निर्णय लिया। उनकी टीम ने ऑप्रेशन करके सिस्ट के करीब 6 टुकड़े निकाले हैं, जिनका वजन करीब 3 किलोग्राम है। इनमें सबसे बड़ा एक टुकड़ा 1 किलो 400 ग्राम का था। 

समय के साथ बढ़ता रहा आकार
सिस्ट पेट में होने के कारण इसे फैलने की काफी जगह मिल गई, जिसके कारण इसका आकार समय के साथ बढ़ता रहा। यदि ऑप्रेशन के दौरान या ऑप्रेशन से पहले सिस्ट किसी कारण से फट जाए तो मरीज की मौत भी हो सकती है। ऑप्रेशन के बाद महिला पूरी तरह से स्वस्थ है। उसे चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है। करीब अढ़ाई घंटे चले इस ऑप्रेशन में सर्जन डॉ. अरविंद भाटिया व डॉ. रोहित सहित एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. सलोनी सूद, डॉ. मनुज, डॉ. सुनील व डॉ. मनिंदर, स्टाफ नर्स बबीता और ओटीए शीतल ने अहम भूमिका निभाई है।

जानवरों के मल के संपर्क में आने से फैलती है बीमारी
सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. रोहित ने बताया कि हाइडेटिड बीमारी मूल रूप से कुत्तों और भेड़-बकरियों में पाई जाती है। इंसानों में ऐसे मामले मिलना दुर्लभ हैं। जानवरों के मल के संपर्क में आने से यह बीमारी इंसानों में फैलती है। समय पर इलाज न होने से मौत भी हो सकती है।

मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य ने दी टीम को बधाई
मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल चम्बा के प्राचार्य डॉ. पंकज गुप्ता ने हाइडेटिड सिस्ट का सफल ऑप्रेशन करने पर पूरी टीम को बधाई भी दी है। उन्होंने कहा कि चम्बा में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है। इससे जिला वासियों को घर-द्वार स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है।
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