Edited By Vijay, Updated: 20 Dec, 2025 02:49 PM

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी स्थित एसएसबी प्रशिक्षण केंद्र सपड़ी में शनिवार को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का 62वां स्थापना दिवस समारोह गरिमामय ढंग से मनाया गया।
ज्वालामुखी: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी स्थित एसएसबी प्रशिक्षण केंद्र सपड़ी में शनिवार को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का 62वां स्थापना दिवस समारोह गरिमामय ढंग से मनाया गया। इस अवसर पर भव्य परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता एसएसबी के महानिदेशक संजय सिंघल ने की। इस दौरान आयोजित भव्य परेड ने सभी का मन मोह लिया। परेड का नेतृत्व 2006 बैच के एसएसबी कमांडैंट संजीव कुमार ने किया, जबकि उनके साथ 2012 बैच की सहायक कमांडैंट नैंसी सिंगला भी शामिल रहीं। कार्यक्रम में भारत की सांस्कृतिक विविधता की झलक भी देखने को मिली। जवानों और कलाकारों ने हिमाचली नाटी, उत्तराखंड का पारंपरिक छोलिया नृत्य और नेपाल-भारत सीमा की संस्कृति को दर्शाते हुए थारू नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।
स्थापना दिवस के अवसर पर एसएसबी के 59 अधिकारियों और जवानों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। इनमें उप महानिरीक्षक, सहायक कमांडैंट, निरीक्षक, उप निरीक्षक और मुख्य आरक्षी शामिल थे। इन्हें वीरता पदक, राष्ट्रपति वीरता पदक और राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक से नवाजा गया। समारोह में एक भावुक क्षण तब आया जब दिवंगत मुख्य आरक्षी रवि शर्मा की धर्मपत्नी रजनी शर्मा को वीरता पदक से सम्मानित किया गया। उनकी शहादत को नमन करते हुए पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इस मौके पर एसएसबी के महानिदेशक ने नवनिर्मित भवनों और विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इसके साथ ही स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
बता दें कि समारोह में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को शिरकत करनी थी, लेकिन खराब मौसम और घने कोहरे के कारण उनका दौरा ऐन वक्त पर रद्द करना पड़ा। हालांकि गृह मंत्री ने अपने साेशल मीडिया पेज पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 62वें स्थापना दिवस समारोह काे लेकर बधाई संदेश भी जारी किया है। अपने संदेश में उन्हाेंने लिखा कि " स्थापना दिवस पर SSB कर्मियों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं। हमारी सीमाओं की रक्षा करने से लेकर संकट के समय नागरिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने तक, SSB ने हमेशा देश को गौरवान्वित किया है। ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को सलाम।" वहीं, प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी समारोह में नहीं पहुंच सके। उनकी अनुपस्थिति में एसएसबी महानिदेशक ने कार्यक्रम का संचालन और अध्यक्षता की।