Edited By Vijay, Updated: 12 Sep, 2023 06:40 PM

एसएमसी शिक्षकों ने सरकार को 30 सितम्बर तक का अल्टीमेटम दिया है। ऐसे में यदि सरकार उक्त अवधि में शिक्षकों के लिए स्थायी पॉलिसी नहीं लाती है तो 2500 से अधिक एसएमसी शिक्षक सड़कों पर उतरेंगे।
शिमला (प्रीति): एसएमसी शिक्षकों ने सरकार को 30 सितम्बर तक का अल्टीमेटम दिया है। ऐसे में यदि सरकार उक्त अवधि में शिक्षकों के लिए स्थायी पॉलिसी नहीं लाती है तो 2500 से अधिक एसएमसी शिक्षक सड़कों पर उतरेंगे। शिक्षकों ने साफ कहा है कि 2 अक्तूबर से शिक्षक अपने परिजनों और बच्चों सहित सत्याग्रह आंदोलन करेंगे। इसके साथ ही इस दौरान पैन डाऊन हड़ताल भी होगी। यहां आयोजित प्रैस वार्ता में एसएमसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा व उपाध्यक्ष निर्मल ठाकुर ने कहा है कि अब शिक्षकों के सब्र का बांध टूट चुका है। सरकार ने पीटीए सहित कई पैरा, विद्या उपासकों को नियमित किया लेकिन इस दौरान एसएमसी शिक्षकों को दरकिनार किया गया जबकि एसएमसी शिक्षकों की नियुक्ति नीति के तहत की गई है।
शिक्षकों का किया जा रहा शोषण
शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि वे वर्ष 2012 से राज्य के दुर्गम क्षेत्रों के साथ-साथ ऐसे स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं जहां नियमित शिक्षक नहीं हैं। बावजूद इसके शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है। शिक्षकों ने कहा कि 10-14 हजार रुपए में घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है। शिक्षकों ने कहा कि पिछली सरकार में भी हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला।
अब स्पैशल रैगुलराइजेशन दी जाए
शिक्षकों का कहना है कि उन्हें सरकार ने स्कूलों में विशेष परिस्थिति में लगाया था। ऐसे में शिक्षकों को स्पैशल रैगुलराइजेशन दी जानी चाहिए। शिक्षकों का कहना है कि पीटीए और एसएमसी शिक्षक दोनों एक समान हैं। ऐसे में सरकार को इन शिक्षकों की तर्ज पर एसएमसी शिक्षकों को भी नियमित करना चाहिए। हालांकि शिक्षकों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि सितम्बर महीने में उनके लिए पॉलिसी लाई जाएगी। ऐसे में शिक्षकों ने सरकार से आग्रह किया है कि उनके लिए जल्द पॉलिसी लाई जाए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।
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