अज्ञात शवों की पहचान के लिए डाटाबेस के प्रयोग की मांगी अनुमति

Edited By Kuldeep, Updated: 27 Oct, 2020 08:28 PM

shimla unknown dead body database permission

प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यू.आई.डी.ए.आई.) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को एक पत्र लिखा है।

शिमला (राक्टा): प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यू.आई.डी.ए.आई.) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को एक पत्र लिखा है। डी.जी.पी. ने पत्र के माध्यम से आग्रह किया है कि यू.आई.डी.ए.आई. अज्ञात शवों की पहचान के लिए अपने डाटाबेस के प्रयोग की अनुमति प्रदान करे। पत्र के माध्यम से कहा गया है कि चूंकि मृत्यु के पश्चात निजता का अधिकार तो समाप्त हो जाता है, लेकिन अंतिम संस्कार तक मानव गरिमा का अधिकार बना रहता है। इसलिए यू.आई.डी.ए.आई. के डाटाबेस से मृत व्यक्तियों के बायोमीट्रिक्स मिलान करने की अनुमति दी जाए। इससे किसी जीवित व्यक्ति का निजता का अधिकार प्रभावित नहीं होगा। डी.जी.पी. ने कहा कि इससे अज्ञात शव की पहचान कर उसे परिवार को सौंपा जा सकेगा और यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि मृत व्यक्ति के धर्म के अनुसार उसका किरया-कर्म किया जा सके। उन्होंने यू.आई.डी.ए.आई. से आग्रह किया है कि इसके लिए एक प्रभावी प्रणाली तय करें।

प्रदेश में प्रतिवर्ष मिलते हैं करीब 100 अज्ञात शव
राज्य में प्रतिवर्ष लगभग 100 अज्ञान शव मिलते हैं। ऐसे में डी.जी.पी. ने सभी पहलुओं को देखते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखा है।

पुलिस महानिदेशक ने मुख्यमंत्री से की भेंट
प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भेंट की। इस अवसर पर डी.जी.पी. ने मुख्यमंत्री को पुलिस डे फ्लैग लगाया। इसके साथ ही डी.जी.पी. ने शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी और उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह को भी पुलिस डे फ्लैग लगाया।

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