Edited By Kuldeep, Updated: 29 Oct, 2024 09:27 PM
उच्च शिक्षा विभाग ने विदेश दौरे पर जाने वाले शिक्षकों के नियमों में बदलाव किया है। मंगलवार को शिक्षा विभाग ने संशोधित आदेश जारी किए हैं।
शिमला (प्रीति): उच्च शिक्षा विभाग ने विदेश दौरे पर जाने वाले शिक्षकों के नियमों में बदलाव किया है। मंगलवार को शिक्षा विभाग ने संशोधित आदेश जारी किए हैं। इसके तहत अब पिछले 5 वर्षों से 70 प्रतिशत या इससे अधिक रिजल्ट देने वाले शिक्षकों को ही विदेश जाने का मौका मिलेगा। हालांकि इससे पहले 100 प्रतिशत रिजल्ट की शर्त विभाग ने शिक्षकों के लिए रखी थी जिसमें अब छूट दी गई है।
पहले चरण में 50 शिक्षकों का चयन विदेश दौरे के लिए किया जाएगा। इसमें 25 प्रिंसीपल, 15 लैक्चरर, 5 हैडमास्टर, 5 डीपीई का चयन का होगा। तय नियमों के तहत प्रधानाचार्य के लिए इस पद पर पांच वर्ष का कार्यकाल अनिवार्य होगा। साथ ही सेवानिवृत्ति के लिए भी कम से कम पांच वर्ष होने चाहिए, वहीं हैडमास्टर भी विदेश घूमने जा पाएंगे, जिस पर किसी भी तरह की विभागीय जांच न बैठी हो। हैडमास्टर की पिछले 5 वर्ष की एसीआर में वैरीगुड रिमार्क लिखा होना चाहिए तभी उनका चयन विदेश दौरे के लिए हो पाएगा। जिला उपनिदेशक कार्यालय से जिला स्तर पर शिक्षकों की लिस्ट निदेशालय को भेजी जाएगी।
इस तरह से बनेगी मैरिट, एमफिल और पीएचडी की डिग्री की कॉपी आवेदन के साथ लगानी होगी
इस दौरे के लिए 20 अंकों में से मैरिट बनाई जाएगी। अनुभव के आधार पर 5 अंक, अवार्डी शिक्षकों को 5 अंक, शैक्षणिक योग्यता के लिए 4, जनजातीय क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले शिक्षकों को भी 4 अंक, एडीशनल आऊटस्टैंडिंग परफॉर्मैंस देने वाले शिक्षकों को 2 अंक मिलेंगे। इन्हीं अंकों के आधार के पर मैरिट बनेगी। इसमें योग्यता पूर्व की तरह ही होगी। इस दौरान एमफिल और पीएचडी की डिग्री की कॉपी यदि है तो शिक्षक को आवेदन के साथ लगानी होगी।