Edited By Kuldeep, Updated: 06 Sep, 2024 08:46 PM
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वह जिद्दी नहीं, उनका स्वभाव ही जुनूनी है और प्रदेश हित में वह हर निर्णय को पूरी तरह सोच-समझकर तथा विवेकपूर्ण ढंग से लेते हैं।
शिमला (राक्टा): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वह जिद्दी नहीं, उनका स्वभाव ही जुनूनी है और प्रदेश हित में वह हर निर्णय को पूरी तरह सोच-समझकर तथा विवेकपूर्ण ढंग से लेते हैं। यह बात मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को विधानसभा में नियम 63 के तहत विधायक विपिन सिंह परमार द्वारा चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय की भूमि में से 1 हजार बीघा भूमि पर्यटन विभाग को ट्रांसफर करने के मुद्दे पर लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब के दौरान दखल देते हुए कही। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय की यह जमीन लेने का सरकार ने फैसला कर लिया है और यह जमीन पर्यटन विभाग के नाम ट्रांसफर होगी। उन्होंने कहा कि इस जमीन पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आधारभूत ढांचा बनाया जाएगा और कांगड़ा में वर्ल्ड क्लास डैस्टीनेशन बनाए जाएंगे, ताकि देश-विदेश से पर्यटक यहां पहुंचें।
साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि इस अधिग्रहण की जाने वाली भूमि पर कैसिनो नहीं बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कांगड़ा जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 3 हजार हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कर रही है और यदि जरूरी हुआ तो निजी भूमि का भी इस कार्य के लिए अधिग्रहण करेगी। उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय की आड़ में कृषि विश्वविद्यालय की जमीन पर्यटन विभाग के नाम ट्रांसफर न करने की दलील को भी खारिज कर दिया और कहा कि यदि भविष्य में विश्वविद्यालय के लिए और जमीन की जरूरत हुई तो सरकार इसके लिए भी निजी भूमि का अधिग्रहण करेगी। उन्होंने कहा कि 48 सालों में कृषि विश्वविद्यालय की 50 हैक्टेयर भूमि भी विकसित नहीं हो पाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल की सबसे बड़ी ताकत पर्यटन है। इसी उद्देश्य से सरकार ने कांगड़ा जिला को राज्य की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है और इसके लिए कई बड़े निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देना है तो कुछ कड़वे घूंट भी पीने पड़ेंगे। इससे पूर्व कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कृषि विश्वविद्यालय की जमीन को पर्यटन विभाग को ट्रांसफर करने के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए हाई लेवल कमेटी बनाई जाए और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।
परमार ने किया विरोध, दिया यह सुझाव
इससे पहले विधायक विपिन सिंह परमार ने कृषि विश्वविद्यालय की जमीन को टूरिज्म विलेज के नाम पर पर्यटन विभाग को ट्रांसफर करने के लिए एनओसी दिए जाने का विरोध किया। साथ ही सुझाव देते हुए कहा कि कांगड़ा में ही बगौड़ा के समीप 3 हजार बीघा जमीन उपलब्ध है, जिसे सरकार पर्यटन गतिविधि के लिए अधिगृहीत कर सकती है। उन्होंने कहा कि कृषि विवि ने देश को बड़े-बड़े वैज्ञानिक दिए हैं। ऐसे में सरकार को अपने फैसले को वापस लेना चाहिए। विधायक एवं मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल ने सरकार द्वारा कांगड़ा जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के निर्णय से पर्यटन के क्षेत्र में आधारभूत ढांचा बढ़ेगा और हाई एंड टूरिस्ट हिमाचल आएंगे। उन्होंने कहा कि टूरिज्म आज एक बड़ा सैक्टर बनकर उभरा है और इसका जीडीपी में भी अहम रोल है। आज पालमपुर में एडीबी के प्रोजैक्ट भी आ रहे हैं। वहीं विधायक रघुबीर सिंह बाली ने भी सरकार के फैसले का समर्थन किया और कहा कि कांगड़ा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस तरह का निर्णय लेना जरूरी है।
यह घोर पाप, नुक्सानदायक होगा : जयराम
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए माहौल चाहिए। यूनिवर्सिटी कैंपस में टूरिज्म विलेज बनाने की बात सही नहीं है, यह घोर पाप है और नुक्सानदायक होगा। उन्होंने कहा कि टूरिस्ट अपने आनंद को आएगा और इससे पढ़ाई का माहौल नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि टूरिज्म विलेज के लिए अच्छी जगह तलाश की जाए, लेकिन यूनिवर्सिटी कैंपस में नहीं। उन्होंने कहा कि बनी हुई चीज को बर्बाद करना सही नहीं है। सरकार नया बनाए, बड़ा बनाए और भव्य बनाए।