Shimla: एससीए चुनाव बहाल करने को लेकर ली जाएगी इनकी राय फिर होगा निर्णय

Edited By Kuldeep, Updated: 18 Aug, 2024 06:11 PM

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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित कालेजों में एससीए चुनाव बहाली को लेकर जल्द कालेज प्रधानाचार्यों से राय ली जाएगी। इसको लेकर आगामी दिनों में विश्वविद्यालय में विभिन्न कालेजों से आने वाले प्रधानाचार्यों के साथ बैठक होगी।

शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित कालेजों में एससीए चुनाव बहाली को लेकर जल्द कालेज प्रधानाचार्यों से राय ली जाएगी। इसको लेकर आगामी दिनों में विश्वविद्यालय में विभिन्न कालेजों से आने वाले प्रधानाचार्यों के साथ बैठक होगी। बैठक में उनका मत जानने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश सरकार को भेजेगा। यह बैठक अगस्त माह के अंतिम सप्ताह तक आयोजित होगी। विश्वविद्यालय में आगामी दिनों में स्पोर्ट्स काऊंसिल की बैठक प्रस्तावित है। इसी बैठक के दौरान एससीए चुनाव को लेकर भी चर्चा होगी। इसके बाद प्रदेश सरकार को इसकी रिपोर्ट भेजे जाने के बाद सरकार की ओर से जो भी दिशा-निर्देश जारी होंगे, उसके अनुसार विश्वविद्यालय व कालेज प्रशासन अगला कदम उठाएंगे। बैठक की तिथि जल्द तय होगी।

विश्वविद्यालय सहित कालेजों में एससीए के प्रत्यक्ष चुनाव पर बीते 10 वर्षों से रोक लगी हुई है। वर्ष 2014 में पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान यह रोक लगाई गई थी। तब से लेकर अब तक विश्वविद्यालय व कालेजों में अप्रत्यक्ष रूप से मनोनयन आधार पर एससीए का गठन हो रहा है। इसी बीच छात्र संगठन लगातार एससीए चुनाव बहाल करने की मांग उठाते रहे हैं, लेकिन उनकी यह मांग अब तक पूरी नहीं हुई है। बीते जून माह में विश्वविद्यालय में पूर्व विद्यार्थियों के मैत्री मिलन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एससीए चुनाव बहाल करने के संकेत दिए थे। कम से कम विश्वविद्यालय में एससीए चुनाव बहाल करने की बात कही गई थी। इससे छात्र संगठनों में एससीए के प्रत्यक्ष चुनाव के बहाल होने की उम्मीद जगी है। उस समय मुख्यमंत्री ने कहा था कि एससीए चुनाव जरूरी है और इस चुनाव को कम से कम विश्वविद्यालय में बहाल करने पर विचार किया जा सकता है।

24 अगस्त, 2014 को हुई हिंसा के बाद लगी थी प्रत्यक्ष चुनाव पर रोक
24 अगस्त, 2014 को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और एसएफआई कार्यकर्त्ताओं के बीच झड़प हुई थी, जिसमें कई छात्र घायल हुए थे। इसके बाद ईसी ने एससीए के प्रत्यक्ष चुनाव पर रोक लगा दी गई थी। इससे पूर्व वर्ष 1996 में एससीए चुनाव पर रोक लगा दी गई थी और उस समय भी हिंसा ही चुनावों पर रोक का कारण रहा था। वर्ष 2000 में छात्र संघ चुनाव बहाल करवा दिए थे। वर्ष 2014 से अब तक मनोनयन आधार पर ही विश्वविद्यालय व कालेजों में एससीए गठित हो रही है।

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