Edited By Kuldeep, Updated: 29 Jul, 2024 08:41 PM
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्र से जल जीवन मिशन के तहत वर्तमान वित्त वर्ष के लिए 458.26 और फिन्ना सिंह परियोजना के लिए 282.47 करोड़ रुपए प्रदान करने की मांग उठाई है।
शिमला (संतोष): उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्र से जल जीवन मिशन के तहत वर्तमान वित्त वर्ष के लिए 458.26 और फिन्ना सिंह परियोजना के लिए 282.47 करोड़ रुपए प्रदान करने की मांग उठाई है। उन्होंने सोमवार को नई दिल्ली में श्रम शक्ति भवन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से भेंट की। इस अवसर पर आयोजित बैठक में जल जीवन मिशन के तहत जल शक्ति विभाग को धनराशि जारी करने संबंधी विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। उपमुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल को अवगत करवाया कि हालांकि केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत वर्तमान वित्त वर्ष के लिए 916.53 करोड़ रुपए आबंटित करने को स्वीकृति दी है, लेकिन अब तक राज्य सरकार को कोई धनराशि जारी नहीं की गई है। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति प्रभावित हो रही है। उपमुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन की पहली किस्त के पहले और दूसरे ट्रैंच की 458.26 करोड़ रुपए की राशि शीघ्र जारी करने का आग्रह किया है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को बेहतर सिंचाई सुविधाएं प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कुछ प्रमुख परियोजनाएं जिनमें फिन्ना सिंह मध्यम सिंचाई परियोजना केंद्र सरकार के पास प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत शामिल करने के लिए काफी समय से विचाराधीन है। इसके लिए लगभग 282.47 करोड़ रुपए की धनराशि की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त 120.79 करोड़ रुपए की बीत एरिया और कुटलैहड़ परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान करने का आग्रह भी किया। पीएमकेएसवाई के तहत चल रहीं सिंचाई परियोजनाओं के लिए केंद्रीय सहायता जारी करने के मामले पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि पिछले वर्ष हिमाचल प्रदेश को भारी बाढ़ और भूस्खलन का सामना करना पड़ा, जिससे राज्य के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक नुक्सान कुल्लू और मनाली क्षेत्र में हुआ। कुल्लू जिले में ब्यास नदी के किनारे विशेष रूप से पलचान और औट क्षेत्र के बीच बाढ़ नियंत्रण और प्रबन्धन के लिए बाढ़ प्रबन्धन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम के अंतर्गत धनराशि की आवश्यकता है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष की बाढ़ के नुक्सान और आवश्यक सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 2,300 करोड़ रुपए है। केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि वह राज्य सरकार की इस मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे।