Shimla: करंट लगने से मौत पर विद्युत बोर्ड को 5 लाख अंतरिम मुआवजा देने के आदेश दिए

Edited By Kuldeep, Updated: 24 Dec, 2024 10:25 PM

shimla interim compensation high court order

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने करंट लगने से हुई मौत पर विद्युत बोर्ड को 5 लाख रुपए अंतरिम मुआवजे के रूप में भुगतान करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने बोर्ड को आदेश दिए कि वह प्रार्थी सोहन सिंह भारद्वाज को उसकी मां की मृत्यु के कारण अंतरिम मुआवजे के रूप में 8...

शिमला (मनोहर): हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने करंट लगने से हुई मौत पर विद्युत बोर्ड को 5 लाख रुपए अंतरिम मुआवजे के रूप में भुगतान करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने बोर्ड को आदेश दिए कि वह प्रार्थी सोहन सिंह भारद्वाज को उसकी मां की मृत्यु के कारण अंतरिम मुआवजे के रूप में 8 सप्ताह के भीतर 5 लाख रुपए का भुगतान करे। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने याचिका का निपटारा करते हुए प्रार्थी को उपयुक्त न्यायालय में नुक्सान की भरपाई के लिए उचित कार्रवाई आरंभ करने की छूट भी दी। मामले के तथ्य के अनुसार 30 अगस्त 2020 को मृतका फूला देवी को सोलन जिले के कसौली क्षेत्र में अपने आवास के पास सड़क किनारे चलते समय, गलती से प्रतिवादी-बोर्ड के स्वामित्व, नियंत्रण और रखरखाव वाली 33 केवी उच्च वोल्टेज विद्युत लाइन से करंट लग गया था।

करंट लगने के परिणामस्वरूप उसके शरीर पर 45 प्रतिशत बिजली से जलने के घाव हो गए। गंभीर रूप से जलने की चोटों के कारण उसे पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ ले जाया गया, जहां 8 सितम्बर 2020 को उसकी मृत्यु हो गई। मृतका फूला देवी के प्रार्थी बेटे ने बार-बार बिजली बोर्ड से मुआवजा प्रदान करने का अनुरोध किया। परंतु बोर्ड ने इस बाबत कोई कदम नहीं उठाया। मजबूरन प्रार्थी को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ा। बोर्ड ने याचिका के जवाब में स्वीकार किया कि साइट निरीक्षण के बाद पाया गया कि सिटी केबल से संबंधित एक काली को-एक्सियल टीवी केबल 33 केवी एचटी लाइन कंडक्टर पर लटकी हुई थी, लेकिन जमीन को नहीं छू रही थी।

प्रतिवादी-बोर्ड के उत्तर के अनुसार स्थानीय निवासियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, चोपड़ा अपार्टमैंट के ब्लॉक-8 में 33 केवी एचटी लाइन के ऊपर की ओर से कुछ शरारती तत्वों ने 29 अगस्त 2020 की शाम को 33 केवी एचटी लाइन पर को-एक्सियल केबल तार के टुकड़े फैंके थे। 29 अगस्त 2020 को विद्युत प्रणाली डिवीजन सोलन द्वारा 33 केवी एचटी लाइन कसौली फीडर में ट्रिपिंग दर्ज की गई थी, लेकिन चूंकि सह-अक्षीय केबल तार का एक लंबा टुकड़ा 33 केवी एचटी लाइन से लटका हुआ था, जो जमीन से कुछ फीट ऊपर, लाइन को डिस्कनैक्ट नहीं किया गया था।

प्रतिवादी बोर्ड के अनुसार, मृतक की करंट लगने की घटना लटकते सह-अक्षीय केबल तार के माध्यम से 33 केवी एचटी लाइन के सीधे संपर्क में आने के कारण हुई। बोर्ड का कहना था कि चूंकि स्थानीय निवासियों द्वारा प्रतिवादी-बोर्ड या पुलिस को कोई शिकायत नहीं की गई थी, इसलिए करंट की कथित घटना से पहले कोई सुधारात्मक उपाय नहीं किया जा सका। कोर्ट ने मामले का निपटारा करते हुए कहा कि भले ही यह मान लिया जाए कि प्रतिवादी-बोर्ड ने इस मामले में हुई दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना को रोकने के लिए सभी उपाय किए थे, लेकिन चूंकि बिजली बोर्ड मानव जीवन के लिए खतरनाक या जोखिम भरा कार्य करता है, इसलिए यह अन्यथा किसी अन्य व्यक्ति को हुई चोट के लिए क्षतिपूर्ति करने के लिए अपकृत्य कानून के तहत उत्तरदायी है।

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