Shimla: हिमाचल में साइबर अपराध रोकने में अहम भूमिका निभाएंगे 100 वालंटियर

Edited By Kuldeep, Updated: 01 Sep, 2024 07:20 PM

shimla himachal cyber crime volunteer

हिमाचल में अब साइबर अपराधों पर नकेल कसने में पुलिस के साथ वालंटियर भी अहम भूमिका निभाएंगे, ताकि लोगों के साथ साइबर क्राइम घटित न हो सके। बढ़ते साइबर क्राइम को रोकने के लिए अब आम जनता भी पुलिस का सहयोग करने लगी है।

शिमला (संतोष): हिमाचल में अब साइबर अपराधों पर नकेल कसने में पुलिस के साथ वालंटियर भी अहम भूमिका निभाएंगे, ताकि लोगों के साथ साइबर क्राइम घटित न हो सके। बढ़ते साइबर क्राइम को रोकने के लिए अब आम जनता भी पुलिस का सहयोग करने लगी है। पुलिस इन्हें अपने वालंटियर के रूप में नियुक्त कर रही है। इसके लिए नैशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन करवाना होता है और जिला स्तर पर भी इसकी व्यवस्था की गई है। इसके लिए हिमाचल में करीब 100 वालंटियरों को साइबर अपराध रोकने के लिए अधीकृत कर दिया गया है और इनकी जिलावार सूची भी जारी कर दी गई है। इसके लिए 117 लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें से 7 को पहले ही मंजूरी दे दी गई थी, जबकि 92 वालंटियरों को अब स्वीकृति प्रदान की गई है, वहीं 18 लोगों के आवेदनों को अस्वीकार किया गया है।

इसके तहत 30 साइबर एक्सपर्ट, 38 साइबर जागरूकता प्रोमोटर्ज और 24 गैर कानूनी सामग्री वाले साइबर वालंटियरों को साइबर अपराधों को रोकने के लिए अधिकृत किया गया है। साइबर एक्सपर्ट में बद्दी में 1, हमीरपुर में 6, कांगड़ा में 11, मंडी में 3, शिमला में 6, सोलन में 1 व ऊना में 2, साइबर जागरूकता प्रोमोटर्ज के तहत बिलासपुर, चंबा, लाहौल-स्पीति में 1-1, हमीरपुर में 6, कांगड़ा में 9, कुल्लू में 2, मंडी में 8, शिमला में 4, सोलन में 2 व ऊना में 3, जबकि साइबर वालंटियरों में बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू में 1-1, चंबा, शिमला, सिरमौर, सोलन में 2-2, मंडी व ऊना में 4-4, कांगड़ा में 5 को मंजूरी दी गई है। पहले से ही स्वीकृत 7 वालंटियरों में कांगड़ा, सोलन व ऊना में 2-2 व सिरमौर में 1 एक्सपर्ट शामिल है।

हिमाचल में पिछले साढ़े सात माह में हुआ है 44 करोड़ का फाइनांशियल फ्रॉड
साइबर पुलिस के अनुसार क्रिप्टो करंसी के अलावा हिमाचल में पिछले साढ़े सात माह में 44 करोड़ रुपए का फाइनांशियल फ्रॉड हुआ है। खास बात यह है कि यह फाइनांशियल फ्रॉड न तो किसी के मोबाइल हैक करने से हुआ है और न ही अन्य किसी कारण से है, अपितु लोगों स्वयं लालच और नादानी में अपने खून-पसीने की कमाई गर्त में डाल रहे हैं। इस अवधि में प्रदेश के साइबर थानों में करीब 110 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिसमें लोगों ने अपने आप पैसों को डबल करने के चक्कर में या फिर अनभिज्ञता के कारण गंवा दिए हैं। साइबर सैल द्वारा पिछले साढ़े सात माह के मामलों की जांच में पाया कि इनमें सबसे अधिक 40 फीसदी मामले इन्वैस्टमैंट फ्रॉड के हैं। दूसरा सबसे बड़ा फ्रॉड स्टॉक मार्कीट का 30 फीसदी हुआ है। 15 से 20 फीसदी मामले ब्लॉक चेन के सामने आए हैं।

10 प्रतिशत मामले ठगी के होते हैं, जिसमें बच्चे को पकड़ने सहित कई अन्य बातें कहकर पैसे ऐंठे जाते हैं। 5 फीसदी मामले सैक्सटॉर्शन के भी सामने आए हैं। इसके अलावा साइबर शातिर दूसरों के खातों से आसानी से रुपए निकाल लेते हैं। फेसबुक अकाऊंट हैक कर परिचितों से रुपए भी मांगते हैं। इसी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बीते दिनों नैशनल साइबर क्राइम पोर्टल लाॅन्च किया है, जिसमें वालंटियर साइबर अपराध रोकने में पुलिस की मदद करने में वालंटियर के रूप में कार्य करेंगे। पुलिस उन वालंटियर्स को जांच टीम का हिस्सा बना रही है, जो अपनी साइबर जानकारी के आधार पर हैकर्स को पकड़ने में मदद कर सकते हैं।

साइबर क्राइम से बचाव ही महत्वपूर्ण हथियार : चावला
डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने कहा कि जागरूकता साइबर क्राइम से बचाव का सबसे महत्वपूर्ण हथियार है। वालंटियर के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा, जो व्यक्ति पुलिस का सहयोग करना चाहते हैं, वह पोर्टल पर पंजीकरण करवा सकते हैं। हिमाचल में करीब 100 वालंटियरों को कार्य करने के लिए अधिकृत कर दिया गया है, जो पुलिस की साइबर अपराधियों की धरपकड़ में मदद करेंगे।

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!