Edited By Kuldeep, Updated: 09 Jul, 2024 11:29 PM
प्रदेश हाईकोर्ट ने एनआईटी हमीरपुर में चिटे की ओवरडोज से हुई छात्र की मौत से जुड़े मामले में सह आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी किए।
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने एनआईटी हमीरपुर में चिटे की ओवरडोज से हुई छात्र की मौत से जुड़े मामले में सह आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी किए। न्यायाधीश रंजन शर्मा ने अपने निर्णय में कहा कि प्रथम दृष्टया में प्रार्थी के खिलाफ कोई आरोप नहीं बनता। सरकार ने इस मामले के अन्य आरोपी रजत शर्मा की जमानत याचिका रद्द होने का हवाला देते हुए इस याचिका को भी खारिज करने की दलील दी थी। इस दलील को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि मुख्य आरोपी और प्रार्थी पर लगे आरोप भिन्न हैं। इनकी भूमिका भी अलग-अलग दर्शाई गई है। सरकार की यह भी दलील थी कि यदि प्रार्थी को जमानत पर रिहा किया जाता है तो इस मामले के मुख्य आरोपी कुलविंदर सिंह उर्फ काका को गिरफ्तार करने में मुश्किल हो सकती है। कोर्ट ने सरकार की इस दलील को भी खारिज करते हुए कहा कि पुलिस ने 12 मार्च 2024 से आज तक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने की कोई कोशिश नहीं की।
पुलिस की यह निष्क्रियता प्रार्थी को जमानत पर रिहा न करने का कोई आधार नहीं हो सकती। गौरतलब है कि 23 अक्तूबर, 2023 को एनआईटी हमीरपुर में प्रशिक्षण ले रहे एमटैक के प्रथम सैमेस्टर के छात्र सुजन शर्मा की छात्रावास में नशे की ओवरडोज से मौत हो गई थी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक बिसरा में मृतक छात्र सुजल शर्मा के शरीर में एक्कटामिनोफेन, कैटामिन और ट्रामाडोल कोडीन जैसे नशीले कैमिकल पाए गए हैं, जो चिट्टे में मौजूद होते हैं। युवक ने चिट्टे की ओवरडोज ली थी, जिससे उसकी मौत हुई थी। इसके बाद इस मामले में पुलिस ने आईपीसी 304 और एनडीपीएस के तहत दर्जन भर लोगों को गिरफ्तार किया था। प्रार्थी के खून और पेशाब में नशीले एक्कटामिनोफेन, कैटामिन और ट्रामाडोल जैसे कैमिकल पाए जाने पर उसे 11 नवम्बर 2023 को गिरफ्तार किया गया था।