हिमाचल में नशा तस्करों की 1214 अवैध संपत्तियों की हुई पहचान, जानें पूरी सच्चाई

Edited By Kuldeep, Updated: 13 Jul, 2025 05:53 PM

shimla drug smugglers illegal properties

हिमाचल में ड्रग नैटवर्क को खत्म करने के लिए प्रदेश सरकार बहुआयामी रणनीति के तहत कार्य कर रही है। इसी कड़ी में पुलिस ने नशे की तस्करी में संलिप्त लोगों की जुड़ीं 1,214 अवैध संपत्तियों की पहचान की है।

शिमला (राक्टा): हिमाचल में ड्रग नैटवर्क को खत्म करने के लिए प्रदेश सरकार बहुआयामी रणनीति के तहत कार्य कर रही है। इसी कड़ी में पुलिस ने नशे की तस्करी में संलिप्त लोगों की जुड़ीं 1,214 अवैध संपत्तियों की पहचान की है। इसके साथ ही नशा तस्करी में संलिप्त 80 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई अमल में लाई गई है। नशा तस्करों के खिलाफ जारी अभियान के तहत बीते अढ़ाई वर्षों में एनडीपीएस के 5,004 केस दर्ज किए गए हैं। इनमें वर्ष 2023 में 2,147, 2024 में 1,717 और चालू वित्त वर्ष में बीते जून माह तक 1,140 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही नशा तस्करी से अर्जित की संपत्ति को भी कुर्क किया जा रहा है। अढ़ाई वर्ष की अवधि के दौरान 36.95 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है।

इसमें वर्ष 2023 में 4.87 करोड़, वर्ष 2024 में 25.42 करोड़ और जून 2025 तक 6.66 करोड़ रुपए की संपत्तियां शामिल हैं। इसी तरह 7.74 करोड़ रुपए की संपत्ति से जुड़े अतिरिक्त मामले पुष्टि के लिए भेजे गए हैं। राज्य सरकार नशे के खिलाफ जीरो टोलरैंस नीति अपना रही है। तस्करों पर अंकुश लगाते हुए वर्ष 2024 में पीआईटी-एनडीपीएस के तहत निवारक निरोधक कानून को अमल में लाया गया है। इसके तहत प्रस्तुत 123 प्रस्तावों में से 41 डिटैंशन ऑर्डर जारी किए गए हैं। नशा तस्करों पर कार्रवाई के लिए सरकार ने 2 महत्वपूर्ण कानून बनाकर कानूनी ढांचे को और मजबूत किया है। हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध (निवारण एवं नियंत्रण) विधेयक में मृत्युदंड, आजीवन कारावास, भारी जुर्माना और संपत्ति जब्त करने जैसे कड़े प्रावधान किए गए हैं।

दूसरे विधेयक में अवैध नशीली दवाओं के व्यापार के लिए सख्त सजा सुनिश्चित की गई है। ऐसे में प्रदेश मादक पदार्थों के खिलाफ राष्ट्रीय जन मुहिम में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। वहीं राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के मार्गदर्शन में हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति ने 14 टारगेटिड इंटरवैंशन प्रोजैक्ट्स के माध्यम से सुरक्षित सुइयों, परामर्श और एचआईवी/एसटीआई के लिए रैफरल सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। यह परियोजना एच.आई.वी. पॉजिटिव मामलों के लिए सुरक्षित सुई, परामर्श, एचआईवी/एसटीआई रैफरल सेवाएं, मौखिक दवा के विकल्प और एआरटी लिंकेज प्रदान करती हैं। सिरिंज एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत संक्रमण के प्रसार को कम करने में मदद मिल रही है।

प्रदेश सरकार ने सिक्किम मॉडल से प्रेरित होकर नशामुक्ति, पुनर्वास, निवारक शिक्षा और आजीविका सहायता के लिए एक राज्य कोष बनाया गया है। जिला कुल्लू, ऊना, हमीरपुर और कांगड़ा में पुरुषों के लिए नशामुक्ति केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जबकि कुल्लू में महिलाओं के लिए एक केंद्र का संचालन किया जा रहा है। सिरमौर के कोटला बड़ोग में 100 बिस्तरों वाला अत्याधुनिक नशा मुक्ति केंद्र बनाया जा रहा है। सभी जिलों में ऐसे केंद्र स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार की गई है।

32 किलो हैरोइन जब्त, वार्ड वाइज मैंपिग
नशे के विरुद्ध जारी लड़ाई के तहत वर्ष 2023 से जून 2025 तक 919 किलोग्राम चरस, 32.9 किलोग्राम हैरोइन, 1,632 किलोग्राम पोस्त भूसी, 89.6 किलोग्राम अफीम और 1.64 लाख से अधिक गोलियां और कैप्सूल जब्त किए गए हैं। अवैध तरीके से उगाए गए लगभग 70 लाख भांग के पौधे नष्ट किए गए हैं। नशे के तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए वार्ड वाइज मैपिंग की गई है और इसके तहत क्षेत्रों को लाल, पीले और हरे क्षेत्रों में वर्गीकृत किया जा रहा है।

एसटीएफ का गठन, स्कूली पाठ्यक्रम में अध्याय
सरकार ने नशा तस्करी पर अंकुश लगाने केे लिए विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया है। एसटीएफ के तहत 13 पुलिस स्टेशन लाए गए हैं, जिनमें से 6 पहले से ही क्रियाशील हैं। इनके माध्यम से तस्करों और अपराधियों के खिलाफ त्वरित और सटीक अभियान का संचालन सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके साथ ही बच्चों को छोटी उम्र में ही नशे के दुष्प्रभावों से अवगत करवाने के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता पर एक अध्याय भी शामिल किया गया है।

सिंथैटिक ड्रग्स बनी चिंता
पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में सिंथैटिक ड्रग्स के मामले सामने आए हैं। फार्मास्युटिकल हब के नजदीक क्षेत्रों में इस तरह के मामले अधिक दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसे में सरकार ने फार्मास्युटिकल दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए जांच एवं निगरानी प्रणाली को अधिक सुदृढ़ किया है।

क्या बोले, मुख्यमंत्री सुक्खू
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में ड्रग नैटवर्क को खत्म करने के लिए राज्य सरकार बहुआयामी रणनीति के तहत कार्य कर रही है। इसी का परिणाम है कि आज हिमाचल मादक पदार्थों के खिलाफ राष्ट्रीय जन मुहिम में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि सरकार नशे के आदी लोगों के प्रति संवेदनशील रवैया अपना रही है और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नशे के विरुद्ध अभियान को लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है और सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।

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