Edited By Kuldeep, Updated: 02 Aug, 2024 05:26 PM
साइबर शातिरों ने अब व्हाट्स एप के लिए भी अपना टूल बना दिया है। इसके तहत शातिर अपराधी लोगों के व्हाट्स एप नंबर को हैक कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शिमला में सामने आया है।
शिमला (राक्टा): साइबर शातिरों ने अब व्हाट्स एप के लिए भी अपना टूल बना दिया है। इसके तहत शातिर अपराधी लोगों के व्हाट्स एप नंबर को हैक कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शिमला में सामने आया है। इसको लेकर साइबर पुलिस स्टेशन में ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाई गई है। विशेष है कि शिकायतकर्त्ता का नंबर तो चल रहा है लेकिन व्हाट्स एप हैक कर दिया गया है तथा उसके माध्यम से शातिर आरोपी आगे लोगों को नौकरी दिलवाने के मैसेज भेज रहे हैं। इसके तहत 2 से 20 हजार की सैलरी मिलने का दावा किया जा रहा है। इतना ही नहीं आरोपियों ने व्हाट्स एप में एक लड़की की फोटो लगा रखी है तथा लोगों को अपने जाल में फंसाने के प्रयास कर रहे हैं। घर बैठे भी रोजाना हजारों रुपए कमाने का लालच भी लोगों को दिया जा रहा है।
शिकायतकर्त्ता के अनुसार वह व्हाट्स एप का प्रयोग नहीं करती है लेकिन जब मोबाइल पर रोजाना लोगों के फोन आने लगे तो मालूम हुआ कि उनका व्हट्स एप हैक कर दिया गया है। ऐसे में शिकायत दर्ज करवाई गई है। वहीं व्हाट्स एप हैक कर उसके गलत इस्तेमाल से जुड़े इस मामले को साइबर पुलिस ने भी गंभीरता से लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। देखा जाए तो साइबर अपराधी लगातार नए मौकों की तलाश में रहते हैं। व्हाट्स एप के जरिए ठगी का जो ट्रैंड नजर आ रहा है, उसमें पहला ट्रैंड यह है कि शातिर ठग व्हाट्स एप पर आपके परिचित की तस्वीर लगाकर मैसेज भेजते हैं और यह बताते हैं कि वह किसी जरूरी मीटिंग में हैं तथा कुछ पैसे की जरूरत है। प्रोफाइल फोटो में आपके परिचित की तस्वीर रहती है तो कई दफा व्यक्ति भी आनन-फानन में पैसे डाल देते हैं।
ओटीपी भेजकर ठगी का ट्रैंड
ओटीपी भेजकर ठगी का भी एक ट्रैंड चला हुआ है। इसमें साइबर अपराधी सबसे पहले आपके नंबर पर ओटीपी कोड भेजते हैं। ओटीपी भेजने के बाद थोड़ी ही देर बाद फोन कर साइबर अपराधी कहते हैं कि ओटीपी उनके नंबर पर गलती से चला गया है। ओटीपी बहुत आवश्यक है। ऐसे में आप जैसे ही ओटीपी बताएंगे तो वे आपका अकाऊंट हैक कर लेंगे।
व्हाट्स एप से सैक्सटॉर्शन
व्हाट्स एप के जरिए सैक्सटॉर्शन की घटनाएं भी बढ़ी हैं। सैक्सटॉर्शन से जुडे कई मामले प्रदेश में भी रिपोर्ट हुए हैं। दरअसल साइबर अपराधी व्हाट्स एप पर अपनी महिला साथी के जरिए कुछ तस्वीरें भिजवाते हैं जो सुंदर लड़कियों की होती हैं। जैसे ही व्हाट्स एप में ब्लू टिक होता है साइबर अपराधी समझ जाते हैं कि आपने तस्वीर देख ली है और थोड़ी ही देर बाद वह उसे डिलीट कर देते हैं। डिलीट करने के बाद एक मैसेज भेजा जाता है कि सॉरी गलती से चला गया था यदि आपके पास उनका फोटो सेव हो गया हो तो कृपया डिलीट कर दें। इसके साथ ही गिरोह में शामिल शातिर लड़कियां किसी न किसी बहाने कोई न कोई मैसेज कर लगातार सामने वाले से दोस्ती कर लेती हैं और फिर किसी न किसी बहाने उन्हें अपने जाल में फंसा कर न्यूड तस्वीरें डालकर ब्लैकमेल करने लगती हैं।
बरतें ये सावधानी
बिना जांचे-परखे किसी अनजान कॉल पर बता गए कोड इत्यादि अपने मोबाइल में डायल न करें। हमेशा अपने सोशल मीडिया के खातों का मजबूत पासवर्ड बनाए, जिसमें संख्या, अक्षर व चिन्ह तीनों हों। अपने सोशल मीडिया खातों पर हमेशा टू-स्टेप वैरिफिकेशन लगा कर रखें। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यदि कोई पैसे की मांग कर करता है तो बिना जांचे-परखे पैसे ट्रांसफर न करें। अपनी किसी भी समस्या के समाधान हेतु गूगल से ग्राहक सेवा अधिकारी का नंबर न निकालें, हमेशा संबंधित की ऑफिशियल वैबसाइट से ही संपर्क सूत्र ढूंढें।
क्या बोले, डीआईजी साइबर क्राइम
डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने बताया कि जागरूकता ही साइबर क्राइम से बचाव का एकमात्र उपाय है। साइबर क्राइम की कोई भी घटना घटित होने पर अपनी शिकायत तुरंत दर्ज करवाएं। उन्होंने कहा कि व्हाट्स एप नंबर होने से जुड़े मामले में उचित कार्रवाई की जा रही है।