Edited By Kuldeep, Updated: 02 Jan, 2023 06:05 PM

दायित्व का निर्वहन करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपना पहला वेतन राज्य सरकार द्वारा गठित मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष में डाला है। मुख्यमंत्री ने नववर्ष के पावन अवसर पर प्रदेश में सुखाश्रय कोष स्थापित करने की घोषणा की थी, ताकि इस...
शिमला (ब्यूरो): सामाजिक सरोकार के दायित्व का निर्वहन करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपना पहला वेतन राज्य सरकार द्वारा गठित मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष में डाला है। मुख्यमंत्री ने नववर्ष के पावन अवसर पर प्रदेश में सुखाश्रय कोष स्थापित करने की घोषणा की थी, ताकि इस कोष के माध्यम से प्राप्त राशि से जरूरतमंद बच्चों और निराश्रित महिलाओं को उच्च शिक्षा प्रदान की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित यह सहायता कोष समाज में वंचित रहे बच्चों और महिलाओं को आगे बढऩे में मदद करेगा। इससे वह अपने जीवन के ध्येय को प्राप्त करने के लिए निरंतर आगे बढ़ सकते हैं।
साथ ही उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर देश और समाज की प्रगति और खुशहाली में अपना योगदान सुनिश्चित करने का अवसर भी प्राप्त होगा। सुक्खू ने कहा यह कदम करुणा नहीं, बल्कि अधिकार है। मुख्यमंत्री की इस पहल से न केवल जनप्रतिनिधि बल्कि आम नागरिक भी इस कोष में योगदान के लिए प्रेरित होंगे। कांग्रेस विधायक दल भी अपने पहले वेतन से 1 लाख की राशि मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष में देंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने भाजपा विधायकों से भी इस कोष के लिए दान देने की अपील की है। राज्य सरकार ने 101 करोड़ रुपएसे इस कोष का गठन किया है।
निर्धन बच्चों की शिक्षा में साबित होगा वरदान : यासीन
एन.एस.यू.आई. के प्रदेश महासचिव यासीन बट्ट ने कहा कि गरीब और अति निर्धन बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को सशक्त करने के लिए यह एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश में सैंकड़ों निर्धन युवा अपनी शिक्षा संसाधनों की कमी से पूरा नहीं कर पाते। ऐसे में मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच से अब सैंकड़ों युवा अपनी शिक्षा पूरा कर पाएंगे।