विमल नेगी माैत मामला: CBI ने दिल्ली में दर्ज की एफआईआर

Edited By Kuldeep, Updated: 27 May, 2025 10:34 PM

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हिमाचल प्रदेश पावर काॅर्पोरेशन लिमिटेड के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है। यह एफआईआर दिल्ली में दर्ज की गई है।

शिमला (राक्टा): हिमाचल प्रदेश पावर काॅर्पोरेशन लिमिटेड के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है। यह एफआईआर दिल्ली में दर्ज की गई है। साथ ही जांच के लिए डीएसपी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय स्पैशल इंवैस्टीगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया है। सीबीआई ने शिमला के न्यू शिमला थाना में दर्ज शिकायत को आधार बनाते हुए भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 108 और 3(5) के अंतर्गत केस दर्ज किया है। प्रदेश उच्च न्यायालय ने बीते 23 मई को यह केस सीबीआई को सौंपने के आदेश पारित किए थे। ऐसे में अब सीबीआई केस दर्ज करने के बाद आगामी छानबीन अमल में लाएगी।

इसी कड़ी में एक-दो दिनों के भीतर जांच टीम दिल्ली से शिमला पहुंचकर सबसे पहले मामले से जुड़ा पूरा रिकार्ड कब्जे में लेने की प्रक्रिया अमल में लाएगी। हालांकि एफआईआर सहित कुछ रिकार्ड कब्जे में लिया जा चुका है। इसके बाद एसआईटी बिलासपुर में जहां विमल नेगी का शव बरामद हुआ था, वहां भी जाएंगी। सीबीआई की एफआईआर में विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी द्वारा न्यू शिमला थाना में दी गई शिकायत का भी उल्लेख किया है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उनके पति को विगत 6 माह से पावर कॉर्पोरेशन के उच्च अधिकारियों विशेष कर निदेशक (विद्युत) एवं प्रबंध निदेशक देशराज द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित व दुर्व्यवहार किया जा रहा था।

उन्हें उक्त अधिकारियों द्वारा जानबूझकर रात को देर तक कार्य करने के लिए मजबूर किया जा रहा था तथा बीमार होने पर भी चिकित्सा हेतु अवकाश नहीं दिया जा रहा था एवं बार-बार प्रशासनिक कार्रवाई की धमकी दी जा रही थी, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने अपनी जीवन लीला को समाप्त कर लिया है। ऐसे में अब सीबीआई हर पहलू की पड़ताल कर पूरे मामले का पर्दाफाश करेगी।

इन्हें सौंपी जांच
सीबीआई मुख्यालय ने विमल नेगी मामले की जांच को डीएसपी (सीआईओ) बृजिंद्र सिंह के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है। इसमें इंस्पैक्टर प्रदीप कुमार और सब इंस्पैक्टर निलेश सिंह को शामिल किया गया है।

तो जांच की जद में आएंगे कई चेहरे
सीबीआई की छानबीन में यदि पाया जाता है कि साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ किए जाने के प्रयास हुए हैं तो उस स्थिति में जांच की आंच में कई चेहरे आ सकते हैं। विमल नेगी के परिवारजनों ने पहले ही साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने के भी आरोप लगाए हैं। गौर हो कि पैन ड्राइव छिपाने के मामले में एक एएसआई को पहले ही सस्पैंड किया जा चुका है। साथ ही विभागीय जांच भी बिठा दी गई है। ऐसे में अब सभी की नजरें सीबीआई द्वारा की जाने वाली जांच पर टिक गई हैं।

मुख्यमंत्री हर सहयोग देने की कह चुके बात
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू विमल नेगी केस की जांच को लेकर सीबीआई को हर सहयोग देने की बात कह चुके हैं। इस मामले में सीबीआई अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह, डीजीपी और एसआईटी की रिपोर्ट का भी अध्ययन करेगी।

कब-कब क्या हुआ
10 मार्च 2025 को विमल नेगी टैक्सी से बिलासपुर गए और 18 मार्च को उनका शव बरामद हुआ। 19 मार्च को शव का पोस्टमार्टम हुआ और थाना न्यू शिमला में मामला दर्ज किया गया। 21 अप्रैल को पुलिस जांच से असंतुष्ट परिजन सीबीआई जांच की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे। इसके बाद 23 मई को हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद मामला सीबीआई को सौंपने के आदेश पारित किए।

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