Edited By Kuldeep, Updated: 02 Jul, 2024 10:16 PM
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) ने बी.एससी. अंतिम वर्ष का परिणाम घोषित कर दिया है। रिकॉर्ड समय में विश्वविद्यालय ने यह परिणाम घोषित किया है।
शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) ने बी.एससी. अंतिम वर्ष का परिणाम घोषित कर दिया है। रिकॉर्ड समय में विश्वविद्यालय ने यह परिणाम घोषित किया है। इस परीक्षा में 4753 विद्यार्थी बैठे थे और इसमें से 3827 विद्यार्थी पास हुए। पास प्रतिशतता 89.99 रही। परिणाम घोषित करने के साथ ही विश्वविद्यालय ने बीएससी की मैरिट सूची भी जारी कर दी है। मैरिट सूची में लड़कियों का दबदबा रहा और इस सूची में शीर्ष 10 में से 9 स्थानों पर लड़कियां काबिज हुई हैं।
मैरिट सूची के अनुसार ऊना कालेज की मोनिका ढिल्लों ने 9.31 सीजीपीए लेकर पहला स्थान, मंडी की लतेश कुमारी ने 9.22 सीजीपीए लेकर दूसरा स्थान और शिमला के संजौली कालेज के उदय सिंह ने 9.21 सीजीपीए लेकर तीसरा स्थान हासिल किया है। इसी तरह डीएवी कालेज कांगड़ा की ईशानी ने 9.20 सीजीपीए लेकर चौथा स्थान, स्वामी विवेकानंद कालेज घुमारवीं की वैष्णवी शर्मा ने 9.14 सीजीपीए लेकर 5वां, नगरोटा बगवां की राधिका धीमान ने 9.11 सीजीपीए लेकर छठा, मंडी के बासा कालेज की अभिलाषा ने 9.10 सीजीपीए लेकर 7वां, बनीखेत कालेज की दीपिका ठाकुर ने 9.05 सीजीपीए लेकर 8वां, अम्ब कालेज की अनामिका परमार ने 9.01 सीजीपीए लेकर 9वां और शिमला के आरकेएमवी कालेज की जागृति वर्मा ने 8.99 सीजीपीए लेकर 10वां स्थान हासिल किया है।
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने बताया कि मंगलवार को बी.एससी. अंतिम वर्ष का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है और परिणाम घोषित कर विद्यार्थियों के लॉग इन आईडी पर अपलोड कर दिया है। उन्होंने कहा कि अंतिम वर्ष के परीक्षा परिणाम समय पर घोषित करने के दृष्टिगत प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द बीए व बी.कॉम. अंतिम वर्ष के परिणाम भी घोषित किए जाएंगे। इससे विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर स्तर के कोर्सिज में प्रवेश लेने के लिए दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
रिसर्च पर्सन बनना चाहते हैं उदय सिंह
सैंटर ऑफ संजौली कालेज शिमला के विद्यार्थी उदय सिंह ने बीएससी की मैरिट में तीसरा स्थान हासिल करने पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि बेहतर अंक हासिल कर राष्ट्र निर्माण व विकास में मदद करना ही एकमात्र लक्ष्य है। पहले इनका लक्ष्य शोध आधारित काम करना है। कई शोध प्रोजैक्टों पर काम भी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि बी.एससी. के बाद अब एमएससी फिजिक्स में प्रवेश लेने की तैयारी कर रहे हैं। वह मूलरूप से अर्की तहसील के कोठी जमोगी गांव के रहने वाले हैं और रोजाना 50 किलोमीटर सफर कर संजौली कालेज में पढ़ने के लिए पहुंचते थे। मैरिटोरियस होने के कारण ही वे संजौली कालेज में एससीए के अध्यक्ष भी रहे चुके हैं। इस दौरान पढ़ाई के साथ छात्रों की समस्याओं के हल के लिए काम किया है। उनके पिता जोगिंद्र सिंह चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में गैर-शिक्षक कर्मचारी हैं। माता नर्वदा गृहिणी हैं। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों की ओर से मिले सहयोग को दिया।