शाहजहां यहां रुका था इसलिए नाम पड़ा शाहपुर

Edited By Jinesh Kumar, Updated: 28 Apr, 2021 11:32 AM

shah jahan stayed here hence the name shahpur

मंडी-पठानकोट नैशनल हाइवे स्थित शाहपुर के नाम का इतिहास मुगल काल से प्रसिद्ध रहा है। लोक गाथाओं के अनुसार 15 वीं शताब्दी में शाहजहां उत्तरी भारत में अपनी राजसत्ता को बढ़ाने के उद्देश्यों से अपनी पटरानी नूरजहां के साथ हिमाचल के विभिन्न स्थानों में...

शाहपुर (सोनू ठाकुर): मंडी-पठानकोट नैशनल हाइवे स्थित शाहपुर के नाम का इतिहास मुगल काल से प्रसिद्ध रहा है। लोक गाथाओं के अनुसार 15 वीं शताब्दी में शाहजहां उत्तरी भारत में अपनी राजसत्ता को बढ़ाने के उद्देश्यों से अपनी पटरानी नूरजहां के साथ हिमाचल के विभिन्न स्थानों में भ्रमण के लिए आया था। अपनी यात्रा के पड़ाव में वह इस स्थान पर भी रुका था जिसके चलते यहां का नाम शाहजहां के कारण ही शाहपुर पड़ गया और जहां पर पीछे नूरजहां रुकी थी उस जगह का नाम नूरपुर पड़ गया था। उसी समय से यह स्थान शाहपुर के नाम से ही प्रसिद्ध हो गया है। हिमाचल के वरिष्ठ साहित्यकार व प्राध्यापक पद से सेवानिवृत्त रमेश चंद्र मस्ताना ने बताया कि बुजुर्ग बताते थे कि अंग्रेजों के समय वर्तमान शाहपुर स्कूल के मैदान में आर्मी का बेस कैंप हुआ करता था जिसके चलते इसे पड़ाव अथवा पहाड़ी भाषा में पड़ा। (ठहराव स्थल) भी कहा जाता था और सेना की गाड़िया व जबान यहां रुककर कुछ समय के लिए पड़ाव डालते थे। समय के साथ-साथ शाहपुर नाम ही अधिक प्रचलित हुआ और इसी कारण इस जगह का नाम शाहपुर पड़ गया। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल शाहपुर का पूरा मैदान अभी तक भी आर्मी के कब्जा में है। भले ही उसका उपयोग स्कूल एवं शिक्षा विभाग छात्रों के हित में करता है।

100 साल से भी अधिक पुराना है शाहपुर थाने का इतिहास
शाहपुर पुलिस स्टेशन का इतिहास 100 साल से भी पुराना है। वर्तमान में शाहपुर थाने के एस.एच.ओ. हेमराज शर्मा ने बताया कि इस इमारत का निर्माण अग्रेजों के समय में किया गया है। अंग्रेजों ने इस इमारत का निर्माण कैदियों को रखने के उद्देश्य से ही किया है। वर्तमान में यहां शाहपुर पुलिस का पूरा स्टाफ  बैठता है और थाना का गेट, लॉक-अप व पूरा भवन विरासत के रूप में अभी भी अपनी गरिमा को बनाए हुए है।

गुमनामी के अंधेरे में गुम हुआ रिहलू का किला
शाहपुर से बाईं ओर 9 किलोमीटर लम्बा शाहपुर-चम्बी सम्पर्क मार्ग आसपास के कई गांवों को राष्ट्रीय उच्च मार्ग से जोड़ता है। इसी लिंक रोड़ पर 4 किलोमीटर आगे रिहलू नाम का एक ऐतिहासिक कस्बा है। किसी समय का ऐतिहासिक व व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र यह रेहलू नामक कस्बा भले ही आज गुमनामी के अंधेरे में गुम है परन्तु इतिहास में इसका विशेष स्थान रहा है। रिहलू से लगभग 300 फ़ु ट की ऊंचाई पर एक ऊंचा किला है। खंडहर में तब्दील हो चुके रिहलू के किले का इतिहास बेहद रोचक रहा है। वर्तमान में जिला कांगड़ा में आने वाला रेहलू अतीत में तत्कालीन चम्बा रियासत का हिस्सा हुआ करता था। कांगड़ा घाटी में सुदूर तक फैला रेहलू तालुका अपनी उपजाऊ भूमि के कारण शुरुआत से ही पड़ोसी रियासतों के बीच विवाद एवं आकर्षण का केंद्र रहा है। रिहलू का उल्लेख चम्बा के राजा प्रताप सिंह 1559 ई. के शासनकाल में मिलता है जब मुगल सम्राट अकबर के वित्तमंत्री टोडरमल ने चम्बा रियासत से रेहलू का तालुका हथिया कर शाही जागीर में मिला लिया। अगले 200 साल रेहलू मुगलों के अधीन रहा। उसी दौरान कांगड़ा के जागीरदार बनाए गए अकबर के नवरत्न वजीर बीरबल का भी रेहलू से संबंध रहा है।

डाक बंगला बना रेस्ट हाउस
शाहपुर में बने रेस्ट हाउस का इतिहास भी काफ ी पुराना है। जानकारों का कहना है कि वर्तमान में रेस्ट हाउस के नाम से नया भवन बन चुका है परन्तु अंग्रेजों के समय का डाक बंगला आज भी उप मंडल अधिकारी नागरिक के कार्यालय के रूप में स्थापित है। इसी डाक बंगले में व्यक्ति डाक के साथ-साथ अग्रेजों की प्रमुख मीटिंगें यहां पर होती थी।

रक्त रंजित है बड़दांईं के किले का इतिहास
शाहपुर से लगभग पांच किलोमीटर दूर जंगल में स्थित बड़दाईं के किले का इतिहास रक्त के छीटें से भरा हुआ है। कहा जाता है कि सिखों के समय यहां पर कब्जे को लेकर खूनी युद्ध हुआ था। किले में एक कुआं भी बना हुआ है। युद्ध के समय लाशों को इसके बीच में फेंकनें की घटनाएं भी चर्चा में रही हैं।

मणिकर्ण की तर्ज पर है गर्म पानी का चश्मा
धार्मिक दृष्टि से रेहलु में नरसिंह का मंदिर, मेह्सा में श्री राधा कृष्ण का मंदिर काफी प्रसिद्ध है। इसके अतिरिक्त रैत-सलोल मार्ग के पास तत्वाणी में स्थित गर्म पानी का चश्मा काफी प्रसिद्ध है। शिवरात्रि के मौके यहां पर मेला व खेल प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। ये गर्म पानी का चश्मा मणिकर्ण की तर्ज पर है परन्तु इसका पानी उतना गर्म व उबलता हुआ नहीं है जितना कि मनीकर्ण का। सर्दी के मौसम में यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग आते हैं और पुन्य लाभ के साथ-साथ नहाने का आनन्द उठाते हैं।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!