Edited By Vijay, Updated: 01 Dec, 2024 11:43 AM
जिला सिरमौर के शिक्षा खंड सराहां के अंतर्गत ग्राम पंचायत बाग पशोग में स्थित राजकीय प्राथमिक स्कूल घरगौण पलाशों की इमारत बहुत ही जर्जर हालत में है, ऐसे में यहां मासूम बच्चे खतरे के बीच शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं।
नाहन (आशु): जिला सिरमौर के शिक्षा खंड सराहां के अंतर्गत ग्राम पंचायत बाग पशोग में स्थित राजकीय प्राथमिक स्कूल घरगौण पलाशों की इमारत बहुत ही जर्जर हालत में है, ऐसे में यहां मासूम बच्चे खतरे के बीच शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। मामला संज्ञान में तब आया जब शनिवार को स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक हुई तो इस मुद्दे पर अभिभावकों में भी रोष देखने को मिला। बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष ऋषिपाल शर्मा ने की। इस दौरान अभिभावकों व क्षेत्र के अन्य लोग मौजूद रहे।
बैठक में समिति सहित बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल की जर्जर इमारत पर चिंता व्यक्त की। इस बीच कई अभिभावकों ने तो यहां तक कहा कि यदि इमारत की इसी प्रकार की हालत रहती है तो उन्हें अपने बच्चों को मजबूरन घर में रखने या फिर किसी दूसरे स्कूल में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। समिति के अध्यक्ष ऋषिपाल शर्मा सहित अभिभावकों ने कहा कि स्कूल की इमारत इतनी जर्जर हो चुकी है कि आए दिन छत से प्लास्टर गिरने की घटनाएं हो रही हैं। इससे भयभीत अभिभावकों ने कहा कि यदि कक्षाओं के समय में सीमैंट के प्लास्टर का कोई भाग बच्चों के सिर पर गिरता है, तो इससे कोई भी अनहोनी हो सकती है। लिहाजा यह स्थिति देख वह अपने बच्चों को स्कूल भेजें या न भेजें, इसको लेकर वह असमंजस की स्थिति में हैं। समिति सहित ग्रामीणों ने बताया कि वह इस संबंध में पहले भी कई बार प्रशासन को अवगत करवा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई भी धनराशि स्कूल में नहीं पहुंची, जिससे इमारत की मुरम्मत का कार्य शुरू किया जा सके।
अध्यक्ष ऋषिपाल ने प्रदेश सरकार, शिक्षा मंत्री से मांग करते हुए कहा कि वह जल्द जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूल की इमारत की स्थिति का जायजा लेने का निर्देश दें, साथ ही इमारत की जल्द मुरम्मत करवाई जाए, ताकि किसी भी अनहोनी को भविष्य में टाला जा सके। इसके साथ यह भी आग्रह किया गया कि 30 नवम्बर 2024 को प्राथमिक स्कूल के शिक्षक राज कुमार नेहरू सेवानिवृत्त हो चुके हैं और स्कूल में कोई अतिरिक्त अध्यापक भी नहीं है। लिहाजा स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए स्कूल में किसी अन्य शिक्षक की स्थायी नियुक्ति की जाए।
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