Edited By Jyoti M, Updated: 01 Dec, 2024 03:30 PM
हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण और आजीविका मिशन ग्रामीण विकास विभाग के तहत शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर हिम ईरा सरस मेला फूड कार्निवल 2024 का उद्घाटन किया गया। इस मेले का उद्घाटन ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण और आजीविका मिशन ग्रामीण विकास विभाग के तहत शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर हिम ईरा सरस मेला फूड कार्निवल 2024 का उद्घाटन किया गया। इस मेले का उद्घाटन ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में किया।
इस 10 दिवसीय मेले में प्रदेश भर से आए स्वयं सहायता समूह ने अपने स्टॉल लगाए हैं, जिसमें इन्होंने द्वारा बने उत्पादों को प्रदर्शित किया है। इसके अलावा मेले में हर एक जिले की धाम के स्टाल भी लगाए गए हैं।
मेले का उद्देश्य
मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इस मेले का उद्देश्य बताते हुए कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं का जीवन स्तर सुधारना और उनके आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। राज्य सरकार द्वारा इन महिलाओं को हर पहलू में समर्थन दिया जा रहा है।
फूड फेस्टिवल की अहमियत
इस वर्ष के मेले में विशेष रूप से फूड फेस्टिवल का आयोजन किया गया है, जो मेले का एक आकर्षक हिस्सा है। मंत्री ने बताया कि पिछली बार की तरह इस बार भी इसका बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला है। फूड फेस्टिवल में कुल 20 स्टॉल्स लगाए गए हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन पेश किए गए हैं।
स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी
इसके साथ ही, मेले में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों की धाम (परंपरागत व्यंजन) के स्टॉल भी लगाए गए हैं। इससे न केवल राज्य के उत्पादों को बढ़ावा मिलता है, बल्कि अन्य राज्यों के उत्पादों के बीच तालमेल और सहयोग को भी बढ़ावा मिलता है। इस मेले में हैंडक्राफ्ट और हैंडलूम के स्टॉल भी लगाए गए हैं, जिनसे राज्य और अन्य राज्यों के कारीगरों को अपनी कला और शिल्प को प्रदर्शित करने का अवसर मिल रहा है। यह एक संस्कृतिक आदान-प्रदान का बेहतरीन मौका है, जिसमें विभिन्न राज्य आपस में तालमेल बढ़ाते हैं और अपने अनुभव साझा करते हैं।
पर्यटन को बढ़ावा
यह मेले का आयोजन टूरिस्ट सीजन के आरंभ से पहले किया गया है, जिससे हिमाचल प्रदेश के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस तरह के आयोजन न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हैं, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को भी संरक्षित रखने में मदद करते हैं।