Edited By Vijay, Updated: 07 Sep, 2025 02:50 PM

"जाको राखे साइयां, मार सके न कोय" यह कहावत चम्बा जिले के एक दूरदराज गांव में उस वक्त सच साबित हुई, जब एक परिवार के घर की छत ढह गई, लेकिन अंदर मौजूद 4 लोग चंद सैकेंड के फासले से मौत के मुंह से बाहर आ गए।
भड़ेला (चुनी लाल): "जाको राखे साइयां, मार सके न कोय" यह कहावत चम्बा जिले के एक दूरदराज गांव में उस वक्त सच साबित हुई, जब एक परिवार के घर की छत ढह गई, लेकिन अंदर मौजूद 4 लोग चंद सैकेंड के फासले से मौत के मुंह से बाहर आ गए। यह घटना चुराह विधानसभा क्षेत्र की हिमगिरी पंचायत के कुहोग गांव की है।
जानकारी के अनुसार छतर सिंह पुत्र लरजू के घर पर रात का भोजन तैयार हो रहा था। रात के करीब 9 बजे थे और घर में छतर सिंह के परिवार के 3 सदस्यों के अलावा गांव का ही एक मेहमान भी मौजूद था। सभी लोग खाना खाने की तैयारी में जुटे थे कि तभी अचानक उन्हें घर की छत की लकड़ियों से चरमराने की आवाज आने लगी। खतरे को भांपते हुए परिवार के सदस्य और उनका मेहमान बिना एक पल गंवाए घर से बाहर की ओर भागे। उनके बाहर पहुंचते ही पूरी छत जोरदार धमाके के साथ नीचे आ गिरी। लकड़ी, पत्थर और मिट्टी का पूरा मलबा ठीक उसी जगह पर गिरा, जहां कुछ सैकेंड पहले तक वे सभी मौजूद थे।
इस हादसे में घर के अंदर रखा सारा सामान, बिस्तर और अनाज मलबे में दबकर नष्ट हो गया। घर अब रहने लायक नहीं बचा है, लेकिन सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि इस घटना में किसी की जान को कोई नुक्सान नहीं हुआ। अगर परिवार ने भागने में कुछ सैकेंड की भी देरी की होती, तो एक बहुत बड़ा हादसा हो सकता था। घटना की सूचना मिलते ही पंचायत प्रधान चंपो देवी और वार्ड सदस्य चम्पा देवी मौके पर पहुंचीं। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित परिवार को ढांढस बंधाया। बताया जा रहा है कि छतर सिंह का परिवार बेहद गरीब है और इस आपदा ने उनकी कमर तोड़ दी है। अपना घर खोने के बाद अब यह बेघर परिवार सरकार द्वारा मनरेगा के तहत बनाए गए एक पशुशाला में सिर छिपाने को मजबूर है।
अब उनकी सारी उम्मीदें प्रशासन और सरकार से मिलने वाली मदद पर टिकी हैं, ताकि वे इस मुश्किल घड़ी से उबरकर अपनी जिंदगी दोबारा शुरू कर सकें। देखना यह होगा कि आपदा की इस घड़ी में प्रशासन इस बेघर परिवार की सुध कब लेता है। वहीं पंचायत प्रधान ने बताया कि परिवार काे हुए नुक्सान की रिपोर्ट बनाकर प्रशासन को भेज दी गई है, साथ ही प्रभावित परिवार की हरसंभव मदद करने की मांग की गई है। उधर, चुराह के तहसीलदार आशीष ठाकुर ने बताया कि फील्ड स्टाफ को मौका करने के लिए भेज दिया है। प्रभावित परिवार को प्रशासन की तरफ से हरसम्भव मदद की जाएगी।