Edited By Vijay, Updated: 24 Aug, 2021 06:09 PM

चाहे 27 जुलाई को लाहौल घाटी के उदयपुर क्षेत्र में हुई भारी बारिश और बाढ़ के चलते बड़े पैमाने पर हुए नुक्सान के बाद खोज, बचाव एवं राहत की बात हो या फिर चंद्रभागा नदी में पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूटने से पैदा हुई आपदा की स्थिति हो।
केलांग (ब्यूरो): चाहे 27 जुलाई को लाहौल घाटी के उदयपुर क्षेत्र में हुई भारी बारिश और बाढ़ के चलते बड़े पैमाने पर हुए नुक्सान के बाद खोज, बचाव एवं राहत की बात हो या फिर चंद्रभागा नदी में पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूटने से पैदा हुई आपदा की स्थिति हो। आईटीबीपी यानी इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस की भूमिका सराहनीय रही है। इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं के समय आईटीबीपी फस्र्ट रिस्पांडर यानी मौके पर सबसे पहले प्रतिक्रिया करने वाला बल भी साबित हुआ है। आईटीबीपी ने स्थानीय पुलिस और होमगार्ड के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अभियान में हिस्सा लिया है।
लाहौल-स्पीति के डीसी नीरज कुमार ने मंगलवार को कारगा में आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उनके सहयोग की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हाल ही में पैदा हुईं इन प्राकृतिक आपदाओं के बाद आईटीबीपी के त्वरित कार्रवाई बल ने जिला प्रशासन के साथ अपनी सक्रिय और प्रभावी सहभागिता निभाई। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी की बेहतरीन भूमिका के मद्देनजर आईटीबीपी को जिला मुख्यालय केलांग में आयोजित 75वें जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी सम्मानित किया गया।
डीसी ने ये भी कहा कि इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस को जब भी सहयोग के लिए कहा गया, बल द्वारा हमेशा तत्परता के साथ कार्य को अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि यह बल लाहौल- स्पीति की तरह की भौगोलिक व जलवायुगत परिस्थितियों के मुताबिक भी पूरी तरह से प्रशिक्षित है, ऐसे में आईटीबीपी की यहां मौजूदगी जिला प्रशासन के लिए मददगार साबित होती है।